Edited By ,Updated: 20 Dec, 2016 02:51 PM
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने देश का पहला मिलाजुला आम व रेल बजट पेश करने से कुछ सप्ताह पूर्व रेलवे के गैर प्रमुख कामकाज मसलन आतिथ्य सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर जोर दिया है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेतली ने देश का पहला मिलाजुला आम व रेल बजट पेश करने से कुछ सप्ताह पूर्व रेलवे के गैर प्रमुख कामकाज मसलन आतिथ्य सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर जोर दिया है। साथ ही वित्त मंत्री ने लेखा प्रणाली की पारदर्शिता पर भी बल दिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे द्वारा अपने प्रदर्शन तथा आंतरिक प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना जरूरी है अन्यथा वह यात्री तथा माल परिवहन में अन्य क्षेत्रों मसलन राजमार्ग तथा एयरलाइंस से पिछड़ जाएगा। जेतली ने कहा, ‘‘रेलवे का प्रमुख काम ट्रेन चलाना और ये सेवाएं देना है। आतिथ्य या हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र रेलवे का प्रमुख काम नहीं है। एेसे में इस तरह की गतिविधियों के लिए आउटसोर्सिंग को अपनाया जाना चाहिए। आउटसोर्सिंग का सिद्धान्त आज दुनियाभर में स्वीकार्य है।’’
सीआईआई द्वारा आयोजित रेलवे में लेखा सुधारों पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेतली ने कहा कि साल दर साल सरकारें सिर्फ लोकलुभावन के लिए काम करती रहीं। लोग रेल बजट को सिर्फ यह जानने के लिए सुनते थे कि कितनी नई ट्रेनों की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि रेलवे की योजना नकदी की प्रणाली से संग्रहण की प्रणाली में स्थानांतरित होने की है। एेसे में लेखा सुधार बेहतर तरीके से प्रदर्शन को दिखाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि आपकी लेखा प्रणाली बताने वाली होनी चाहिए, छिपाने वाली नहीं। रेलवे के बुनियादी ढांचे में किस तरह का निवेश आ रहा है, रेल सुरक्षा में कैसा निवेश आ रहा है। व्यय की जो योजना बनाई गई है उसका परिणाम क्या आया है। ‘‘मुझे लगता है कि ये लेखा खाते वास्तविकता दर्शाने वाले होने चाहिए।’’
सरकार ने इस साल सितंबर में 92 साल से चली आ रही रेल बजट को अलग पेश करने की परंपरा को समाप्त करने की घोषणा की। वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट में रेल बजट को मिलाने का फैसला किया गया है।