Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 May, 2021 03:51 PM
संकट से घिरी जेपी इंफ्राटेक को कर्ज देने वाले बैंकों और अन्य वित्तीय ऋणदाताओं ने सरकारी कंपनी एनबीसीसी और सुरक्षा समूह को इस कंपनी को दिवाला समाधान प्रक्रिया के जरिए अधिग्रहण करने के संबंध में अपने-अपने अंतिम प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कुछ और समय...
नई दिल्लीः संकट से घिरी जेपी इंफ्राटेक को कर्ज देने वाले बैंकों और अन्य वित्तीय ऋणदाताओं ने सरकारी कंपनी एनबीसीसी और सुरक्षा समूह को इस कंपनी को दिवाला समाधान प्रक्रिया के जरिए अधिग्रहण करने के संबंध में अपने-अपने अंतिम प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कुछ और समय देने का फैसला किया है। गत 27 मई को शुरू हुई दो दिन की मतदान प्रक्रिया में दोनों दावेदारों को और समय देने के प्रस्ताव पर मत विभाजन हुआ। मतदान प्रक्रिया शुक्रवार शाम को पूरी हुई।
सूत्रों ने बताया कि मताधिकार वाले 98.54 प्रतिशत सदस्यों ने एनबीसीसी और सुरक्षा समूह को शोधित बोलियां जमा करने का अंतिम मौका देने से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि अंतिम बोलियां जमा करने की आखिरी तारीख चार जून तय की गई है और प्रस्ताव की योजनाएं दिवालियापन से जुड़े कानून और उच्चतम न्यायालय के 24 मार्च के फैसले के अनुरूप होनी चाहिए।
देनदारों की समिति (सीओसी) में 20,000 से ज्यादा घर खरीदारों के पास 56.61 प्रतिशत मताधिकार हैं और सावधि जमा खाता धारकों के पास 0.13 प्रतिशत जबकि 13 बैंकों के पास 43.36 प्रतिशत मताधिकार हैं। गत 24 मई को हुई बैठक में जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) की सीओसी ने सुरक्षा समूह की बोली पर मतदान प्रक्रिया को टालने का फैसला किया था। समिति ने एनबीसीसी और सुरक्षा दोनों कंपनियों को उनके अंतिम प्रस्ताव सौंपने की मंजूरी देने के लिए 27-28 मई को मतदान करना का फैसला किया था।