जेट एयरवेज: बोली प्रक्रिया रही असफल तो बैंक करेंगे ‘प्लान-बी’ पर काम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Apr, 2019 10:53 AM

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जेट एयरवेज को कर्ज दे रखे वित्तीय संस्थान कम्पनी से कर्ज वसूली के रास्ते टटोल रहे हैं। वे मौजूदा बोली प्रक्रिया के विफल रहने की स्थिति में इन्सॉलवैंसी कानून से हटकर मामले के समाधान के पक्ष में हैं।

नई दिल्ली (अनिल सलवान): जेट एयरवेज को कर्ज दे रखे वित्तीय संस्थान कम्पनी से कर्ज वसूली के रास्ते टटोल रहे हैं। वे मौजूदा बोली प्रक्रिया के विफल रहने की स्थिति में इन्सॉलवैंसी कानून से हटकर मामले के समाधान के पक्ष में हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। जेट एयरवेज पर 8,500 करोड़ रुपए का कर्ज है। बैंकों की ओर से एमर्जैंसी फंड नहीं दिए जाने के बाद कम्पनी ने अपना परिचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। 

भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) के नेतृत्व वाले 7 बैंकों के समूह ने एयरलाइन को कर्ज दे रखा है। एस.बी.आई. ने एयरलाइन में हिस्सेदारी बिक्री के लिए बोली प्रक्रिया शुरू की है। सूत्रों के अनुसार वैसे तो कर्जदाताओं को बोली प्रक्रिया के सफल रहने की उम्मीद है लेकिन स्थिति अनुकूल नहीं रहने की स्थिति में बैंक ‘प्लान-बी’ पर भी काम कर रहे हैं। उसने कहा कि अगर बोली प्रक्रिया विफल रहती है, कर्जदाता कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के समाधान को लेकर इन्सॉल्वैंसी एंड बैंकरप्सी (आई.बी.सी.) कोड से बाहर इसके समाधान के पक्ष में हैं। वे मौजूदा गारंटी और संपत्ति के आधार पर वसूली एक विकल्प है जिसे तरजीह दे सकते हैं। संहिता के तहत प्रक्रिया शुरू करने से पहले राष्ट्रीय कम्पनी विधि न्यायाधिकरण (एन.सी.एल.टी.) की मंजूरी जरूरी है। 

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इसमें समाधान बाजार से जुड़ा और समयबद्ध तरीके से होगा। सूत्रों के अनुसार जेट एयरवेज के कर्जदाता जहां अस्थायी रूप से बंद हुई एयरलाइन की हिस्सेदारी बेचने को लेकर आश्वस्त हैं, वहीं उन्होंने वैकल्पिक योजना भी तैयार कर ली है, जिसमें कम्पनी को ऋण वसूली ट्रिब्यूनल (डी.आर.टी.) में खींचना भी शामिल है। ऐसा माना जा रहा है कि 4 इकाइयों -एतिहाद एयरवेज, टी.पी.जी. कैपिटल, इंडिगो पार्टनर्स और राष्ट्रीय निवेश व बुनियादी ढांचा कोष (एन.आई.आई.एफ.) ने जेट एयरवेज में हिस्सेदारी हासिल करने में रुचि दिखाई है। 

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एयरलाइन को कभी नीचे नहीं जाने देंगेः AIJATA
निजी क्षेत्र की फिलहाल बंद हो चुकी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के कर्मचारियों के संगठन ने कहा कि वह एयरलाइन को कभी नीचे नहीं जाने देंगे और न ही कंपनी को ‘टुकड़े-टुकड़े’ करके खत्म करने की अनौपचारिक बातचीत को सहन करेंगे। ऑल इंडिया जेट एयरवेज टैक्नीशियंस एसोसिएशन (ए.आई.जे.ए.टी.ए.) ने एक खुले पत्र में यह बात कही। ए.आई.जे.ए.टी.ए. का यह पत्र नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा के एक बयान के बाद आया है। सिन्हा ने कहा कि जेट एयरवेज के क्षमतावान कर्मचारियों को अन्य एयरलाइन में नौकरी दी जा सकती है। ए.आई.जे.ए.टी.ए. के अनुसार जिन कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी है, उन्होंने वित्तीय हालात और अन्य प्रतिबद्धताओं के चलते ऐसा किया है।

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अन्य एयरलाइनों के लिए जेट एयरवेज के अनुभवी कर्मचारियों को नियुक्त करने का मौका
ट एयरवेज के अस्थायी रूप से बंद होने के कारण हजारों कर्मचारियों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या हो सकती है लेकिन दूसरी एयरलाइन के लिए ऐसे अनुभवी लोगों को नियुक्त करने का अच्छा मौका है। हालांकि उनका वेतन अपेक्षाकृत कम हो सकता है। तेजी से विकास कर रहे भारतीय विमानन क्षेत्र में प्रतिभावान कर्मचारियों की मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है। जेट एयरवेज में ठेके पर काम करने वालों समेत करीब 23,000 कर्मचारी हैं।

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