Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Mar, 2019 07:01 PM
जेट एयरवेज के फाउंडर और प्रोमोटर नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने 25 साल पहले शुरू की गई एयरलाइन के सभी पदों से आज इस्तीफा दे दिया। कर्ज के जाल में फंसी जेट के चेयरमैन नरेश गोयल एयरवेज के प्रमुख प्रोमटरों में से एक थे।
मुंबई: कर्ज संकट से जूझ रही कंपनी जेट एयरवेज के संस्थापक एवं चेयरमैन नरेश गोयल तथा उनकी पत्नी अनीता गोयल एयरलाइन के निदेशक मंडल से इस्तीफा देंगे। कंपनी ने नियामक (रेग्युलेटरी) को इसकी जानकारी दी है। कंपनी ने बताया कि अब इस विमानन कंपनी को बचाने के लिए ऋणदाता 1,500 करोड़ रुपए लगाएंगे। भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में घरेलू ऋणदाताओं ने रिजॉल्यूशन प्लान बनाने की बात कही थी। इसके तहत ऋणदाताओं को एक रुपए अंकित मूल्य की दर पर 11.4 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे। इसके तहत गोयल की नियंत्रक 51 प्रतिशत हिस्सेदारी कम होकर 25.5 प्रतिशत और एतिहाद एयरवेज की हिस्सेदारी की आधी होकर 12 प्रतिशत पर आ जाएगी। इस तरह से कंपनी में ऋणदाताओं को नियंत्रक 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जाएगी।
क्या होगा आगे?
- बैंक इस एवज में कंपनी के निदेशक मंडल में दो सदस्यों को नामित करेंगे।
- एयरलाइन के दैनिक परिचालन के लिए अंतरिम प्रबंधन समिति बनाई जाएगी।
- अबू धाबी स्थित एतिहाद की जेट एयरवेज में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
- नरेश गोयल अब कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रहेंगे।
कंपनी के 80 से अधिक विमान परिचालन से बाहर हो चुके हैं। इनमें से 54 विमानों को लीज की किस्त नहीं चुका पाने के कारण खड़ा कर दिया गया है। कंपनी अप्रैल अंत तक कम से कम 14 अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें भी निलंबित कर चुकी है।
कंपनी के शेयर में उछाल
- जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल को हटाने तथा कर्जदाताओं द्वारा 1500 करोड़ रुपये तक की पूंजी डाले की खबर से कंपनी का शेयर एनएसई में 15.61 प्रतिशत उछलकर 261.00 पर पहुंच गया।
स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह ने कहा कि यह भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए बहुत दु:खद दिन है। नरेश और अनीता गोयल ने विश्वस्तरीय विमानन कंपनी शुरू कर देश को गौरवान्वित किया था।
- स्पाइसजेट प्रमुख
‘कर्जदाताओं-कर्जदारों की बातचीत से बेहतर परिणाम की उम्मीद’
जेट एयरवेज को लेकर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को कहा कि इस मामले में दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया अपनाने से बेहतर परिणाम कंपनी और कर्जदाताओं के बीच बातचीत से सामने आ सकते हैं। कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कर्जदाता और कर्जदार बातचीत कर रहे हैं। यह सबसे अच्छी प्रक्रिया है।’’