जेट एयरवेज मामला: स्टेट बैंक को अगले सप्ताह तक समाधान की उम्मीद

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Mar, 2019 06:56 PM

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जेट एयरवेज और उसकी भागीदार एतिहाद एयरवेज में मतभेद बढऩे के बीच बैंकों ने अगले सप्ताह तक किसी समाधान योजना पर सहमति बनने की शुक्रवार को उम्मीद जाहिर की है। एतिहाद एयरवेज एकमात्र पक्ष है

मुंबईः जेट एयरवेज और उसकी भागीदार एतिहाद एयरवेज में मतभेद बढऩे के बीच बैंकों ने अगले सप्ताह तक किसी समाधान योजना पर सहमति बनने की शुक्रवार को उम्मीद जाहिर की है। एतिहाद एयरवेज एकमात्र पक्ष है जो नकदी संकट में फंसी कंपनी जेट एयरवेज को अभी के हालात में वित्तीय मदद दे सकती है। हालांकि, एतिहाद ने जेट एयरवेज के संस्थापक एवं चेयरमैन नरेश गोयल की हिस्सेदारी पर ऊपरी सीमा लगाने की शर्त रखी है। इसके अलावा गोयल को कंपनी के प्रबंधन से भी बाहर होना होगा।

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गोयल ने एतिहाद से किया अनुरोध 
हालांकि, गोयल ने शुक्रवार को एतिहाद से अनुरोध किया कि वह समाधान योजना से उनकी शेयरधारिता सीमा को दीर्घकाल तक के लिए सीमित रखने की शर्त को हटाए और 750 करोड़ रुपए की तत्काल मदद करे। जेट एयरवेज के मुख्य कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में अन्य कर्जदाताओं द्वारा पेश योजना के मसौदे के अनुसार, एतिहाद नए शेयरों के रूप में करीब 1,800 करोड़ रुपए का निवेश करेगी और अपनी हिस्सेदारी 24.90 प्रतिशत तक बढ़ाएगी।

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जेट एयरवेज में गोयल की 52% हिस्सेदारी 
गोयल कंपनी में 750 करोड़ रुपए डालेंगे जबकि शेष 3,800 करोड़ रुपए अन्य निवेशकों से जुटाए जाएंगे। जेट एयरवेज में गोयल एवं उनके परिवार की 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी को वित्तीय राहत पहुंचाने के एवज में वह अपनी हिस्सेदारी को कम करके 22 प्रतिशत तक कम नीचे लाने पर सहमत हुए हैं। एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, ‘‘यह काम जारी है। बहुत जल्दी, यानी अगले सप्ताह तक हमारे पास एक समाधान योजना होगी।’’ 

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अधिकारी ने कहा कि योजना पर पिछले साल एक नवंबर से काम शुरू हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘एक कंपनी के लिए कोई भी समाधान योजना तैयार करना एक बेहद जटिल प्रक्रिया है। चीजें एक या दो दिन में नहीं होती हैं यहां तक कि 15 दिन में भी नहीं होतीं हैं।’’ एसबीआई ने देरी का कारण स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘इसमें कई पक्ष हैं जिन्हें साथ में लेना होता है। इसके अलावा प्रवर्तक हैं, संयुक्त उपक्रम भागीदार हैं। जब परिस्थिति इतनी जटिल हो तो समय लगता ही है।’’

उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज के ऊपर 8,200 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। कंपनी को मार्च के अंत तक 1,700 करोड़ रुपए तक का भुगतान करना है। कंपनी पहले ही इस सप्ताह ईसीबी का भुगतान नहीं चुका पाई है। हालांकि, उसने अभी तक घरेलू कर्जदाताओं का भुगतान जारी रखा है।      
 

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