Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Apr, 2019 04:46 PM
वित्तीय संकट में घिरी निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के कर्मचारी एयरलाइंस को बचाने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए गुरुवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। पायलट तथा विमान रखरखाव अभियंताओं के संगठनों
नई दिल्लीः वित्तीय संकट में घिरी निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के कर्मचारी एयरलाइंस को बचाने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए गुरुवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। पायलट तथा विमान रखरखाव अभियंताओं के संगठनों ने बताया दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले कंपनी के सभी कर्मचारियों से गुरुवार दोपहर दो बजे जंतर-मंतर पर एकत्रित होने का आह्वान किया है।
कर्मचारी सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि वह ठप होने की कगार पर आ चुकी एयरलाइंस को बचाने के लिए हस्तक्षेप करे। साथ ही वे बकाया वेतन के जल्द से जल्द भुगतान की भी मांग कर रहे हैं। यदि कंपनी बंद होती है तो 20 हजार लोगों की नौकरी चली जाएगी। कर्मचारी इससे पहले मुंबई में भी इसी तरह का प्रदर्शन कर चुके हैं जहां कंपनी का मुख्यालय है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कैलेंडर वर्ष में 4,244 करोड़ रुपए का नुकसान उठा चुकी कंपनी ने जनवरी से पायलटों, रख-रखाव अभियंताओं और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन नहीं दिया है। अन्य कर्मचारियों को आंशिक वेतन दिया जा रहा था लेकिन उन्हें भी मार्च का वेतन अब तक नहीं मिला है। कंपनी विमानों का किराया चुकाने में विफल रही है और उसे ऋण देने वाले आठ बैंकों के कंसोटिर्यम ने एयरलाइंस की 75 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। कभी देश की दूसरी सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी रही जेट एयरवेज के इस समय 10 से भी कम विमान परिचालन में रह गए हैं। उसकी सभी अंतररष्ट्रीय उड़ानें रद्द हैं और वह 35 से भी कम घरेलू उड़ानें भरने में सक्षम है।