Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Apr, 2019 05:22 PM
कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के लेंडर्स ने एयरलाइन के संचालन को बनाए रखने के लिए एक नया रेजुलेशन प्लान तैयार किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ताजा रेजुलेशन प्लान के तहत जेट एयरवेट को संचालन के लिए 9,535 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।
नई दिल्लीः कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के लेंडर्स ने एयरलाइन के संचालन को बनाए रखने के लिए एक नया रेजुलेशन प्लान तैयार किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ताजा रेजुलेशन प्लान के तहत जेट एयरवेट को संचालन के लिए 9,535 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दो निवेशकों द्वारा 3,800 करोड़ रुपए का इक्विटी इंफ्यूजन किया जाएगा जिसमें नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड शामिल हो सकता है। इसके अलावा बैंक 850 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान करेंगे जबकि 485 करोड़ रुपए सार्वजनिक शेयरधारकों की ओर से होगा। इसके अलावा 2,400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज और 2,000 करोड़ रुपए नॉन-फंड आधारित सेवाओं से जुटाए जाएंगे।
जेट एयरवेज से नरेश गोयल और एतिहाद के जाने के बाद नए रेजुलेशन प्लान से उन बैकों को भी राहत मिलेगी जो एयरलाइन को बचा रहे हैं। ओनरशिप को सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र ट्रस्ट बनाया जाएगा जो गोयल और एतिहाद की हिस्सेदारी को स्थानांतरित करेगा।
ट्रस्टियों की नियुक्ति लेंडर्स द्वारा की जाएगी और उनके पास ट्रस्ट के स्वामित्व वाले शेयरों पर कॉल विकल्प होगा जो कि 150 रुपए में होगा। अंतरिम प्रबंधन समिति की अध्यक्षता एसबीआई के पूर्व प्रमुख एके पुरवार करेंगे। जेट एयरवेज पिछले साल अगस्त से पायलटों, इंजीनियरों और वरिष्ठ प्रबंधन को वेतन भुगतान में चूक कर रही है।