Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Apr, 2019 11:22 AM
जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने से मुसाफिरों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तो टिकट बुकिंग में यात्रियों का पैसा फंसा है और रिफंड नहीं मिला, दूसरा- अपनी यात्रा के लिए उन्हें अब दूसरी एयरलाइंस से कई गुना ऊंचे दामों पर टिकट खरीदना पड़ रहा है।
नई दिल्लीः जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने से मुसाफिरों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तो टिकट बुकिंग में यात्रियों का पैसा फंसा है और रिफंड नहीं मिला, दूसरा- अपनी यात्रा के लिए उन्हें अब दूसरी एयरलाइंस से कई गुना ऊंचे दामों पर टिकट खरीदना पड़ रहा है। मसलन, दिल्ली से लंदन का टिकट अगर किसी यात्री ने दो महीने पहले 66 हजार रुपए का लिया था, तो अब यही टिकट 1.20 लाख का है।
जानकार बताते हैं कि जिस दिन उड़ानें बंद हुईं, उस समय तक जेट 3,500 करोड़ रुपए के टिकट बुक कर चुकी थी। इन यात्रियों को रिफंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि सरकार तुरंत दखल दे, ताकि नियमों के तहत या तो मुसाफिरों को उनका पैसा मिले या फिर उन्हें दूसरी एयरलाइंस में यात्रा कराई जाए।
ऐसा हुआ तभी मिलेगा पैसा
- अगर कंपनी फिर चल निकलती है तो यात्रियों को उनका पैसा मिल सकता है।
- बैंक कंपनी की संपत्ति बेचकर रेश्यो के आधार पर यात्रियों को रिफंड दे सकते हैं।
कर्मचारियों ने लगाई मदद की गुहार
वहीं दूसरी ओर, जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने अपनी सैलरी के बकाया और कंपनी को फौरी मदद देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर भी मदद की गुहार लगाई है। जेट की उड़ानें ठप होने से इसके 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं। सिविल एविएशन में राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने उम्मीद जताई है कि कंपनी के तमाम सक्षम और काबिल कर्मचारियों को जल्द नौकरी मिल जाएगी।