Edited By Yaspal,Updated: 23 Apr, 2019 06:48 PM
जेट एयरवेज ने अस्थाई तौर पर अपने विमानों का संचालन बंद कर दिया है। लेकिन इसके बाद जेट एयरवेज दुबारा से उड़ान भर पाएगा इस पर सवालिया निशान लगा हुआ है। पिछले सात महीनों के दौरान 410 स...
नई दिल्ली: जेट एयरवेज ने अस्थाई तौर पर अपने विमानों का संचालन बंद कर दिया है। लेकिन इसके बाद जेट एयरवेज दुबारा से उड़ान भर पाएगा इस पर सवालिया निशान लगा हुआ है। पिछले सात महीनों के दौरान 410 सह-पायलटों और कैप्टन के नौकरी छोड़ने के बाद एयरलाइन के पास अब 1,527 पायलट बचे हैं। एयरलाइन के पायलट संघ ने नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) ने सदस्यों को कहा है कि कुछ विमानों का संचालन दल के साथ अन्य लोगों द्वारा लिया जा रहा है,और किराए पर देने की योजना पर काम चल रहा है।
जेट एयरलाइंस के कई पायलट और पेशेवर नौकरी की तलाश कर रहे हैं। एयरलाइंस के पायलटों की संख्या में और कमी आ सकती है क्योंकि इनमें से कई पायलट अन्य भारतीय एयरलाइंस और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस में इंटरव्यू दे चुके हैं। अपनी नई नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट लेटर का इंतजार कर रहे हैं। जेट को कर्ज देने वाला स्टेट बैंक के नेतृत्व वाला बैंकों का समूह जमीन पर खड़े हो चुकी एयरलाइन के खरीदार के चयन के लिए एक प्रक्रिया का पालन कर रही है। इसके नतीजे के बारे में करीब 15 मई तक पता चल सकेगा। अगर कोई खरीदार नहीं मिलता है तो एयरलाइंस कंपनी दिवालिया घोषित की जा सकती है।
स्पाइसजेट, एयर इंडिया और एआई एक्सप्रेस जेट एयरवेज के जमीन पर खड़े बोइंग 737 और बी777 को लेने की योजना बना रहे हैं। जेट प्रबंधन के साथ एक बैठक के दौरान एनएजी ने अपने सदस्यों को भेज गए एक संचार में कहा कि वर्ष 2018 सितंबर से लेकर 31 मार्च 2019 तक 410 पायलट इस्तीफा दे चुके हैं। जिसके बाद अब एयरलाइंस के पास आधिकारिक रूप से करीब 1527 पायलट हैं। जेट एयरवेज के विमानों को लीज पर देने की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। इसे क्रियान्वित करने के तौर-तरीकों पर विचार हो जाने और ठोस योजना बन जाने के बाद इसके बारे में स्पष्टता से बताया जाएगा।