Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jul, 2019 12:11 PM
जेट एयरवेज के कर्जदाता एयरलाइन की कुछ संपत्तियां बेचने के लिए शनिवार तक बोलियां मंगवाएंगे। जेट का मामला दिवालिया अदालत में पहुंचने के बाद पहली बार हुई कर्जदाताओं की बैठक में मंगलवार को यह फैसला लिया गया। जेट का केस 17 जून को नेशनल कंपनी लॉ...
मुंबईः जेट एयरवेज के कर्जदाता एयरलाइन की कुछ संपत्तियां बेचने के लिए शनिवार तक बोलियां मंगवाएंगे। जेट का मामला दिवालिया अदालत में पहुंचने के बाद पहली बार हुई कर्जदाताओं की बैठक में मंगलवार को यह फैसला लिया गया। जेट का केस 17 जून को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में पहुंचा था।
न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि रेजोल्यूशन प्रोफेशनल आशीष चाचरिया और एसबीआई के नेतृत्व वाला कर्जदाताओं का समूह बोली की शर्तें तय करेंगे। बोलियां मंगवाने की समय सीमा और शर्तों पर वोटिंग की प्रक्रिया 19 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी। अगले दिन बोलियों का विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा।
जेट एयरवेज के जिन एसेट्स को बेचने की योजना है उनमें 14 एयरक्राफ्ट, जेट प्रिविलेज में 49% शेयर और कुछ इमारतें शामिल हैं। जेट पर बैंकों के कर्ज समेत कुल 36 हजार करोड़ रुपए की देनदारियां हैं। वेंडरों के 10,000 करोड़ रुपए, बैंकों के ब्याज समेत 8,500 करोड़ रुपए और कर्मचारियों की सैलरी के 3,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। एयरलाइन को पिछले 3 साल में 13,500 करोड़ रुपए का घाटा भी हुआ है।
कर्जदाताओं ने जेट के स्लॉट और रूट्स को भी एसेट्स की कैटेग्री में शामिल किया है। हालांकि, सरकार जेट के सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रूट्स को पहले ही अस्थाई रूप से दूसरी एयरलाइन को अलॉट कर चुकी है।