Edited By Supreet Kaur,Updated: 03 Aug, 2018 01:17 PM
खराब वित्तीय हालातों से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने एक बार फिर हिस्सेदारी बेचने के लिए निवेश बैंकरों से संपर्क किया है। बढ़ती तेल कीमतों, रुपए में कमजोरी के कारण कंपनी के लिए फंड जुटाना मुश्किल हो सकता है। खबरों के मुताबिक जेट एयरवेज जल्द...
बिजनेस डेस्कः खराब वित्तीय हालातों से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने एक बार फिर हिस्सेदारी बेचने के लिए निवेश बैंकरों से संपर्क किया है। बढ़ती तेल कीमतों, रुपए में कमजोरी के कारण कंपनी के लिए फंड जुटाना मुश्किल हो सकता है। खबरों के मुताबिक जेट एयरवेज जल्द पैसे जुटाने की कोशिश कर रहा है और इसमें प्रमोटर की एक हिस्सेदारी बेचने पर भी विचार किया जा रहा है।
कंपनी के चेयरमैन नरेश गोयल की मौजूदा समय कंपनी में 51 फीसदी हिस्सेदारी है। मार्किट हिस्सेदारी के हिसाब से यह भारत में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष में जेट एयरवेज को 636.45 करोड़ रुपए का घाटा हुआ जबकि स्पाइसजेट ने 566.66 रुपए का मुनाफा कमाया। इंडिगो को भी तब 2,242.37 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
जेट एयरवेज में एतिहाद एयरवेज की 24 फीसदी हिस्सेदारी है लेकिन पिछले साल नवंबर में जेट एयरवेज की तरफ से एयरफ्रांस-केएलएम के साथ हुए समझौते के बाद यह संदेह बना हुआ है कि एतिहाद एयरवेज इसमें निवेश जारी रखेगी या नहीं। खबरों के मुताबिक, एतिहाद एयरवेज इस साल दिसंबर तक अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच सकती है। एतिहाद ने अप्रैल 2013 में करीब 2,069 करोड़ रुपए में जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीदी थी।