Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 04:06 AM
प्रमुख विमानन कम्पनी जैट एयरवेज ने अपनी लागत बचाने के उद्देश्य से ट्रैवल एजैंटों को दिया जाने वाला 1 प्रतिशत का बुनियादी कमीशन 1 जनवरी से न देने का निर्णय लिया है। वैश्विक विमानन कम्पनियां भी कमीशन के मामले में ऐसा ही रुख अपना रही हैं। विमानन कम्पनी...
मुम्बई: प्रमुख विमानन कम्पनी जैट एयरवेज ने अपनी लागत बचाने के उद्देश्य से ट्रैवल एजैंटों को दिया जाने वाला 1 प्रतिशत का बुनियादी कमीशन 1 जनवरी से न देने का निर्णय लिया है।
वैश्विक विमानन कम्पनियां भी कमीशन के मामले में ऐसा ही रुख अपना रही हैं। विमानन कम्पनी ने कहा है कि एजैंटों के पास बुनियादी किराए का 3.5 प्रतिशत तक लेन-देन शुल्क वसूलने और टिकटों पर ईंधन सरचार्ज लगाने का विकल्प होगा। जैट एयरवेज एजैंटों को सेल-लिंक्ड उत्पादकता बोनस का भुगतान जारी रखेगी।
नकदी प्रवाह बढ़ाने में मिलेगी मदद
ट्रैवल एजैंटों को बुनियादी कमीशन न देने से विमानन कम्पनी को अपने बिक्री एवं वितरण खर्च घटाने में मदद मिलेगी जो वित्त वर्ष 2017 में 2,533 करोड़ रुपए हो चुका है। साथ ही इससे विमानन कम्पनी को नकदी प्रवाह बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। अन्य उपायों के साथ-साथ विमानन कम्पनी ने अपनी गैर-ईंधन लागत में 12 से 15 प्रतिशत की कटौती करने का लक्ष्य रखा है। एजैंटों को रूटीन टिकट बिक्री पर बुनियादी कमीशन और बिक्री लक्ष्य पर उत्पादकता आधारित बोनस का भुगतान किया जाता है।
लागत बचाने का उपाय
फिलहाल एजैंट अपना कमीशन काटकर टिकट की शेष रकम को इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन बिलिंग सिस्टम प्लान (बी.एस.पी.) के जरिए विमानन कम्पनी के खाते में जमा कराते हैं, इसलिए विमानन कम्पनी के लिए यह एक लागत बचाने का उपाय है। दूसरी ओर लेन-देन शुल्क यात्री से वसूला जाता है जो टिकट की लागत में शामिल होता है लेकिन बाद में एजैंट को उसकी प्रतिपूर्ति कर दी जाती है। फिलहाल इंडिगो, गोएयर और स्पाइसजैट जैसी सस्ती विमानन सेवा कम्पनियां एजैंटों को लेन-देन शुल्क वसूलने की अनुमति देती हैं।