Edited By Supreet Kaur,Updated: 13 Aug, 2018 10:16 AM
वित्तीय संकट में घिरी एयरलाइन जेट एयरवेज ने ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्मों को कुछ हिस्सा बेचकर 35-40 करोड़ डॉलर (करीब 28 अरब रुपए) जुटाने का कदम बढ़ा दिया है। मुश्किलों का सामना कर रही और नतीजों का ऐलान टालने को मजबूर हुई इस एविएशन कंपनी ने...
बिजनेस डेस्कः वित्तीय संकट में घिरी एयरलाइन जेट एयरवेज ने ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्मों को कुछ हिस्सा बेचकर 35-40 करोड़ डॉलर (करीब 28 अरब रुपए) जुटाने का कदम बढ़ा दिया है। मुश्किलों का सामना कर रही और नतीजों का ऐलान टालने को मजबूर हुई इस एविएशन कंपनी ने ब्लैकस्टोन, टीपीजी और इंडिगो कैपिटल पार्टनर्स सहित बड़ी पीई फर्मों से संपर्क किया है। उधर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने इमर्जेंसी फंडिंग की जेट की मांग के सामने शर्तें रख दीं।
आज होगी बैठक
सूत्रों ने बताया कि एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक को पैसा जुटाने में जेट के फाउंडिंग चेयरमैन नरेश गोयल की मदद में लगा दिया गया है। एयरलाइन उस फ्रिक्वेंट फ्लायर प्रोग्राम से भी पैसा बनाने की कोशिश कर रही है, जिसमें उसकी पार्टनर एतिहाद एयरवेज है। इस पर योजनाओं को ठोस रूप देने के लिए सोमवार को बैठक होनी है। इस प्रोग्राम की वैल्यू 8,840 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
नए शेयर जारी करेगी कंपनी
जेट एयरवेज कंपनी में पैसा डालने की कोशिश में प्राइमरी इक्विटी कैपिटल जुटाने के लिए नए शेयर जारी करने पर विचार कर रही है। शुक्रवार के बंद भाव पर 3139.83 करोड़ रुपए के मार्केट कैपिटलाइजेशन को देखते हुए पैसा जुटाने के इस कदम से मौजूदा शेयरहोल्डर्स का ठीकठाक हिस्सा घटेगा। फ्रिक्वेंट फ्लायर प्रोग्राम का वैल्यूएशन ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टेंट ऑन पॉइंट की एक हालिया रिपोर्ट पर आधारित है। जेट प्रिविलेज को 31वीं रैंकिंग दी गई, जबकि 76.5 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन के साथ एतिहाद के ऐसे प्रोग्राम की रैंकिंग 38 रही। एतिहाद ने 2014 में इस प्रिविलेज प्रोग्राम में 50.1 फीसदी हिस्सा खरीदा था और तब इसकी वैल्यू 30 करोड़ डॉलर थी। तबसे मेंबरशिप का आंकड़ा 28 लाख से तीन गुना बढ़कर 85 लाख हो चुका है।