Edited By ,Updated: 23 Mar, 2016 11:07 AM
आभूषण कारोबारियों ने 18 दिन चली अपनी हड़ताल गत शनिवार को तब खत्म की थी, जब वित्त मंत्री अरुण जेतली ने उन्हें यह आश्वासन दे दिया
नई दिल्ली: आभूषण कारोबारियों ने 18 दिन चली अपनी हड़ताल गत शनिवार को तब खत्म की थी, जब वित्त मंत्री अरुण जेतली ने उन्हें यह आश्वासन दे दिया कि उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन हड़ताल खत्म होते ही उन्हें एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) में 1 प्रतिशत बढ़ौतरी के सिलसिले में कर अधिकारियों से नोटिस मिलने शुरू हो गए हैं। कारोबारियों को लग रहा है कि इस तरह उन्हें परेशान नहीं करने का वायदा तोड़ा जा रहा है।
वित्त मंत्री जेतली से मिलने के बाद बड़े आभूषण कारोबारी संगठनों ऑल इंडिया जैम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फैडरेशन, इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन और रत्नाभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद (जी.जे.ई.पी.सी.) सहित कुछ अन्य संगठनों ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की थी।
सी.बी.ई.सी. (सैंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स) ने कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आभूषण निर्माताओं के लिए कर अधिकारियों के समक्ष भंडार का खुलासा अनिवार्य नहीं होगा। अधिकारियों को आभूषण निर्माताओं के परिसरों में भी किसी भी सामान्य उद्देश्य के लिए नहीं जाने का निर्देश मिला है।
हड़ताल वापसी पर बंटे सर्राफा कारोबारी
वहीं हड़ताल पर अभी भी असमंजस बरकरार है, एक ओर जहां सर्राफा कारोबारियों के एक समूह ने गत सप्ताह मुम्बई में हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की वहीं दिल्ली तथा उत्तर भारत के अन्य राज्यों में मंगलवार 21वें दिन भी हड़ताल जारी रही। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एस.सी. जैन ने बताया, ‘‘सरकार उत्पाद शुल्क का प्रस्ताव वापस लेने को तैयार नहीं हुई है जो हमारी मुख्य मांग थी। इसलिए हड़ताल जारी है। उन्होंने दावा किया कि भले ही मुम्बई तथा कुछ अन्य स्थानों पर हड़ताल समाप्त हो गई हो लेकिन पूरे उत्तर भारत में हड़ताल जारी है। वहीं मुम्बई ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि देशभर में करीब 500 मान्यता प्राप्त सर्राफा संगठन हैं जिनमें से 70 प्रतिशत ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।
महज 1000 करोड़ रुपए होंगे प्राप्त
एक आभूषण कारोबारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘अफसोस है कि वित्त मंत्री ने कारोबारियों को परेशान नहीं किए जाने का भरोसा दिलाया और उत्पाद शुल्क विभाग ने नोटिस देने शुरू कर दिए। यह तो सरासर गलत है। हम नहीं चाहते हैं कि इंस्पैक्टरी राज दोबारा लौट आए।’’ उन्होंने बताया कि आभूषणों पर 1 प्रतिशत उत्पाद शुल्क बढ़ाने से सरकार को महज 1000 करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी, जिससे यह साबित होता है कि यह राजस्व बढ़ाने का उपाय नहीं है। वहीं एक अन्य कारोबारी ने कहा, ‘‘हमें आश्वासनों के बाद भी नोटिस मिलने शुरू हो गए हैं। निर्देशों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’’
जानिए क्या मांगा है नोटिस में
नोटिस में कारोबारियों से उनके व्यापार का ब्यौरा मांगा गया है, बही खातों की प्रति मांगी गई है और आयकर रिटर्न भी भेजने के लिए कहा गया है। कारोबारियों को मिले नोटिस में गत 2 वर्ष के कारोबार और मार्च 2016 तक के संभावित कारोबार का ब्यौरा मांगा गया है। आयकर व वैट और 2014-15 और 2015-16 के लिए बिक्री कर रिटर्न की प्रति भी देने के लिए कहा गया है।
यह नहीं आएंगे दायारे में
किसी ज्वैलरी विनिर्माता को 6 करोड़ रुपए तक की क्लीयरैंस लिमिट (भुगतान सीमा) पर एक्साइज ड्यूटी से छूट तभी मिलेगी, जब गत वित्त वर्ष में उस का डोमैस्टिक क्लीयरैंस (घरेलू भुगतान) 12 करोड़ रुपए से कम हो। ज्वैलरी बनाने वालों और कारीगरों को इस एक्साइज ड्यूटी के दायरे से बाहर रखा गया है और इसलिए उन्हें न तो रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत होगी, न ड्यूटी देनी होगी। साथ ही उन्हें रिटर्न फाइल और बहीखातों को भी बनाए रखने की जरूरत नहीं होगी।
बड़े ज्वैलर्स ने बढ़ाया सरकार का हौसला
ऑरा, रिलायंस रिटेल और पी.सी.जी. ज्वैलर्स जैसे उद्योग के बड़े नाम खुद को एक्साइज अथॉरिटीज के पास रजिस्टर करने के लिए आगे आए हैं, जिससे 1 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगाने से जुड़े अपने बजट फैसले को लेकर विरोध का सामना कर रही केंद्र सरकार का हौसला बढ़ा है। वहीं के.जे.के. क्रिएशंस इंडिया, शीतल ज्वैलरी हाऊस, आनंद ज्वैलर्स प्रा. लि., प्रायरिटी गोल्ड जैसे देश के दूसरे प्रमुख उद्योग दिग्गजों में से हैं, जिन्होंने विभाग के साथ खुद को रजिस्टर्ड कराया है।
उद्योग को लगी 70,000 करोड़ की चोट
सोने के आभूषण निर्माताओं व जौहरियों की 18 दिन लंबी हड़ताल के कारण इस उद्योग को 60,000 से 70,000 करोड़ रुपए के नुक्सान का अनुमान है। इस बीच जौहरियों के मुद्दों पर विचार के लिए अर्थशास्त्री अशोक लाहिड़ी की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति गठित की गई है जो अपनी रिपोर्ट 2 माह में सरकार को सौंपेगी।
हड़ताल वापसी पर बंटे सर्राफा कारोबारी
वहीं हड़ताल पर अभी भी असमंजस बरकरार है, एक ओर जहां सर्राफा कारोबारियों के एक समूह ने गत सप्ताह मुम्बई में हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की वहीं दिल्ली तथा उत्तर भारत के अन्य राज्यों में मंगलवार 21वें दिन भी हड़ताल जारी रही। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एस.सी. जैन ने बताया, ‘‘सरकार उत्पाद शुल्क का प्रस्ताव वापस लेने को तैयार नहीं हुई है जो हमारी मुख्य मांग थी। इसलिए हड़ताल जारी है। उन्होंने दावा किया कि भले ही मुम्बई तथा कुछ अन्य स्थानों पर हड़ताल समाप्त हो गई हो लेकिन पूरे उत्तर भारत में हड़ताल जारी है। वहीं मुम्बई ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि देशभर में करीब 500 मान्यता प्राप्त सर्राफा संगठन हैं जिनमें से 70 प्रतिशत ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।
महज 1000 करोड़ रुपए होंगे प्राप्त
एक आभूषण कारोबारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘अफसोस है कि वित्त मंत्री ने कारोबारियों को परेशान नहीं किए जाने का भरोसा दिलाया और उत्पाद शुल्क विभाग ने नोटिस देने शुरू कर दिए। यह तो सरासर गलत है। हम नहीं चाहते हैं कि इंस्पैक्टरी राज दोबारा लौट आए।’’ उन्होंने बताया कि आभूषणों पर 1 प्रतिशत उत्पाद शुल्क बढ़ाने से सरकार को महज 1000 करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी, जिससे यह साबित होता है कि यह राजस्व बढ़ाने का उपाय नहीं है। वहीं एक अन्य कारोबारी ने कहा, ‘‘हमें आश्वासनों के बाद भी नोटिस मिलने शुरू हो गए हैं। निर्देशों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’’