1 जनवरी से ज्वैलरी हॉलमार्किंग के नए नियम

Edited By ,Updated: 27 Dec, 2016 06:43 PM

jewellery hallmarking  gold

1 जनवरी से ज्वैलरी हॉलमार्किंग जरुरी हो जाएगा। सरकार ने नए नियम जारी कर दिए हैं। बीआईएस को जारी नए नियम की कॉपी हमारे ​हाथ भी लगी है। इसके मुताबिक एक जनवरी से सिर्फ 22, 18 और 14 कैरेट सोने की ज्वैलरी की हॉलमार्किंग हो सकेगी।

नई दिल्लीः 1 जनवरी से ज्वैलरी हॉलमार्किंग जरुरी हो जाएगा। सरकार ने नए नियम जारी कर दिए हैं। बीआईएस को जारी नए नियम की कॉपी हमारे ​हाथ भी लगी है। इसके मुताबिक एक जनवरी से सिर्फ 22, 18 और 14 कैरेट सोने की ज्वैलरी की हॉलमार्किंग हो सकेगी। गौर करने वाली बात ये है कि अब तक कुल 10 कैटेगरी में हॉलमार्किंग की सुविधा थी, जिसे सरकार ने हटा दिया है। नए नियम के तहत सोने के सिक्के और बिस्किट का भी स्टैंडर्ड तय होगा।

सोने की हॉलमार्किंग कंज्यूमर के हक में है लेकिन ज्वैलर्स इसका काफी विरोध कर रहे हैं। ज्वैलर्स की दलील है कि देश में हॉलमार्किंग की पार्याप्त सुविधा ही नहीं है।

सरकार जनता को खोटे सोने से छुटकारा दिलाना चाहती है लेकिन सरकार का ये कदम ज्वेलर्स को नागवार गुजरा है। ज्वैलर्स दलील दे रहे हैं कि देश में हॉलमार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में भला एक जनवरी से पूरे देश में इसे कैसे लागू किया जाएगा। 

दरअसल देश में करीब पौने 400 हॉलमार्किंग सेंटर है। जो फिलहाल पूरी छमता से काम नहीं कर रहे हैं। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन का मानना है कि दिक्कतें तो होगी लेकिन इससे इंडस्ट्री को काफी फायदा भी होगा।

आमतौर पर कीमतों में बेंचमार्किंग न होने की वजह से कम शुद्धता वाले सोने में ज्वेलर्स काफी गोलमाल करते हैं। कम शुद्धता वाले सोने को खरा सोना बताकर ऊंचे दाम पर बेच देते हैं और जब ग्राहक हॉलमार्किंग की मांग करते हैं तो उन्हें महंगी लागत का भय दिखाते हैं। जबकि हॉलमार्किंग की लागत सिर्फ 30 रुपए प्रति पीस होती है। ऐसे में सरकार के इस कदम से कंज्यूमर्स को जहां सोने की शुद्धता की गारंटी मिलेगी, वहीं ज्वैलर्स को गोलमाल करने के रास्ते बंद हो जाएंगे।

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