जियो की 'मुफ्तखोरी' से सरकार को घाटा

Edited By ,Updated: 23 Aug, 2016 12:32 PM

jio test uses commercial airwaves but no revenue to govt coai

रिलायंस जियो की प्री लांच बीटा टैस्ट के नाम से दी जा रही मुफ्त 4जी सेवा पर मोबाइल कम्पनियां भड़क गई हैं।

नई दिल्लीः रिलायंस जियो की प्री लांच बीटा टैस्ट के नाम से दी जा रही मुफ्त 4जी सेवा पर मोबाइल कम्पनियां भड़क गई हैं। मोबाइल कम्पनियों की संस्था सी.ओ.ए.आई. ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया है कि ग्राहक को 'मुफ्तखोर' बनाने की इस नीति से सरकार को घाटा हो रहा है। मोबाइल कम्पनियां स्पैक्ट्रम का इस्तेमाल करने के लिए सरकार के साथ रेवन्यू शेयरिंग करती हैं लेकिन जब रेवन्यू आ ही नहीं रहा तो सरकार के साथ शेयरिंग कैसे होगी। ये सरकार को घाटा पड़ने वाला काम है। 

सी.ओ.ए.आई. ने कहा कि इस तरह के बीटा टैस्ट से जो डेटा ट्रैफिक मिला वह शेष ऑप्रेटरों के संयुक्त ट्रैफिक के बराबर है जबकि ये ऑप्रेटर पिछले 15 से 20 साल से परिचालन कर रहे हैं। सी.ओ.ए.आई. ने आगे आरोप लगाया कि करीब 25 से 30 लाख सक्रिय ग्राहक व्यक्तिगत और उपक्रम, शहरी और ग्रामीण मुफ्त डेटा और वॉयस का एक ऑप्रेटर से इस्तेमाल कर रहे हैं। 

सी.आे.ए.आई. ने अधिकारियों से कहा कि परीक्षण के नाम पर हुई अनधिकृत कमर्शियल सेवाओं के मामले से निपटा जाए। मौजूदा ऑप्रेटरों ने दावा किया कि इससे एेसा जटिल मसला पैदा हो गया है जबकि नियामक के पास टैरिफ योजना जमा कराए बिना कमर्शियल परिचालन शुरू किया गया हैै। 

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