टेलिकॉम सेक्टर में बढ़ेगा जॉब का संकट, 60 हजार की हो सकती है छंटनी

Edited By Supreet Kaur,Updated: 23 Oct, 2018 10:35 AM

job crisis will increase in telecom sector

टेलिकॉम सेक्टर में भी अब छंटनी का खतरा मंडराने लगा है। इंडस्ट्री अनुमान के मुताबिक इस वित्त वर्ष के आखिर तक 60,000 से अधिक लोगों की छंटनी हो सकती है। अब मर्जर करने वाली कंपनियों के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स, टावर फर्म्स और इंडस्ट्री से जुड़े...

नई दिल्लीः टेलिकॉम सेक्टर में भी अब छंटनी का खतरा मंडराने लगा है। इंडस्ट्री अनुमान के मुताबिक इस वित्त वर्ष के आखिर तक 60,000 से अधिक लोगों की छंटनी हो सकती है। अब मर्जर करने वाली कंपनियों के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स, टावर फर्म्स और इंडस्ट्री से जुड़े रिटेल आर्म्स अधिक एंप्लॉयी नहीं रखना चाहते।

एक रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च 2019 को खत्म होने वाले वित्त वर्ष तक टेलिकॉम सेक्टर से करीब 60,000 से ज्यादा नौकरियां जा सकती हैं। इसका सबसे ज्यादा असर कस्टमर सपॉर्ट और फाइनैंशल वर्टिकल्स पर पड़ेगा। इन दोनों सेगमेंट से क्रमश: 8,000 और 7,000 नौकरियां जाने की आशंका है। कंसॉलिडेशन के चलते 2019 में टेलिकॉम सर्विस और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स में 60-75 हजार नौकरियां कम हो सकती हैं।

सेल्युलर ऑपरेटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यूज ने बताया, 'हमारा बुरा वक्त गुजर चुका है। अब कंपनियां आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, 4जी नेटवर्क एक्सपैंशन में हायरिंग बढ़ा रही हैं। वित्त वर्ष 2018-19 की शुरू की दो तिमाहियां अच्छी नहीं रहीं, लेकिन वह दौर अब खत्म हो चुका है।' उन्होंने बताया कि आने वाली दो तिमाहियों में इंडस्ट्री से अधिक से अधिक 5 हजार लोगों की नौकरी जा सकती है। 

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