Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 May, 2019 04:32 PM
जॉनसन एंड जॉनसन हैल्थ और बेबी कॉस्मैटिक बनाने वाली कम्पनी भारत में सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग कारखाना चलाने वाली थी। कम्पनी ने हैदराबाद के पास 47 एकड़ में उत्पादन से जुड़े सारे संयंत्र और सुविधाएं भी स्थापित कर दीं लेकिन पिछले 3 सालों से इसमें...
नई दिल्लीः जॉनसन एंड जॉनसन हैल्थ और बेबी कॉस्मैटिक बनाने वाली कम्पनी भारत में सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग कारखाना चलाने वाली थी। कम्पनी ने हैदराबाद के पास 47 एकड़ में उत्पादन से जुड़े सारे संयंत्र और सुविधाएं भी स्थापित कर दीं लेकिन पिछले 3 सालों से इसमें उत्पादन और लोगों की भर्तियां ठप्प हैं। अमरीकी कम्पनी जॉनसन एंड जॉनसन बिजनैस प्रक्रिया ऑप्रेशन सुचारू रूप से नहीं चलने के पीछे नोटबंदी को जिम्मेदार बताया जा रहा। सूत्रों के मुताबिक प्लांट में काम नहीं हो पा रहा। बाजार में डिमांड नहीं होने से उत्पादन को नहीं बढ़ाया जा रहा।
भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के बिजनैस ऑप्रेशन से जुड़े 2 सूत्रों का कहना है कि तेलंगाना के पेनजेर्ला में स्थित प्लांट में उत्पादन हो नहीं रहा है क्योंकि बाजार में लगातार प्रोडक्ट की मांग घटती जा रही है। इनमें से एक का कहना है कि 2016 में मोदी सरकार द्वारा एक के बाद दूसरी आश्चर्यचकित करने वाली नीतियों के लागू होने से उम्मीद के मुताबिक मांग नहीं बढ़ पाई। सरकार ने नोटबंदी कर दी और जी.एस.टी. को लागू कर दिया।
रायटर्स का दावा है कि उसने सूत्रों की जानकारी के आधार पर जॉनसन एंड जॉनसन के प्रमुख अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया। वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय से भी संपर्क किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पाया। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद सर्वे से पता चलता है कि पहले माह में शैम्पो और अन्य कॉस्मैटिक्स के व्यापार में 20 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
गौरतलब है कि इसी वर्ष अप्रैल महीने में जॉनसन एंड जॉनसन के भारत में मिलने वाले बेबी उत्पादों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह उठाए गए थे। राजस्थान के जयपुर स्थित औषधि प्रयोगशाला ने कम्पनी के बेबी शैम्पो में फॉर्मलडिहाइड मिलने की बात कही थी। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के आधार पर एन.सी.पी.सी.आर. (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने देश के सभी राज्यों को जॉनसन एंड जॉनसन बेबी शैम्पो की बिक्री रोकने और इसके स्टॉक को हटाने के लिए कहा था। हालांकि अपने आधिकारिक बयान में कम्पनी ने हानिकारक कैमिकल मिलने की बात से इंकार किया था।