जेपी इंफ्रा: NBCC की बोली के खिलाफ NCLAT की शरण में बैंक

Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jun, 2019 04:41 PM

jp infra bank in the shelter of nclat against nbcc bid

दिवाला प्रक्रिया के तहत नीलाम की जा रही जेपी इंफ्राटेक के कर्जदाताओं ने सार्वजनिक कंपनी एनबीसीसी की बोली के खिलाफ वोट करने की अनुमति देने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में याचिका दायर की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

नई दिल्लीः दिवाला प्रक्रिया के तहत नीलाम की जा रही जेपी इंफ्राटेक के कर्जदाताओं ने सार्वजनिक कंपनी एनबीसीसी की बोली के खिलाफ वोट करने की अनुमति देने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में याचिका दायर की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। एनबीसीसी की बोली पर मतदान शुक्रवार को शुरू हुआ और यह प्रक्रिया 10 जून तक चलेगी। 

कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने बृहस्पतिवार को कर्ज तले दबी रियल्टी कंपनी जेपी इंफ्रा के अधिग्रहण के लिए एनबीसी की बोली पर मतदान कराने का फैसला किया था। सूत्रों के मुताबिक, आईडीबीआई बैंक की अगुवाई वाली समिति ने एनसीएलएटी का रुख करते हुए गारंटी पर कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों/बैंकों को एनबीसीसी की बोली या समाधान योजना के खिलाफ मतदान करने की अनुमति देने का आग्रह किया है। न्यायाधिकरण ने पिछले महीने कर्जदाताओं को एनबीसीसी की पेशकश को खारिज करने से रोक दिया था। इसी के चलते बैंकों ने एनबीसीसी की बोली के खिलाफ मतदान करने की मंजूरी देने के लिए एनसीएलएटी का रुख किया है। 

कर्जदाताओं ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि जेपी इंफ्राटेक के अंतरिम समाधान पेशेवर अनुज जैन और सीओसी को अन्य विकल्प तलाशने की अनुमति देने का आग्रह किया है। इसमें नए रुचि पत्र आमंत्रित करना और अन्य कंपनियों को द्वारा जमा की गई बोली पर विचार करना शामिल है। मालूम हो कि हाल में अडाणी समूह ने जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिए स्वैच्छिक रूप से गैर-बाध्यकारी बोली लगाई थी। समूह ने अटकी परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए कंपनी में 1,700 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा, कर्मचारियों और कर्जदाताओं के बकाए के निपटान के लिए 1,000 करोड़ रुपए और 1,000 एकड़ जमीन देने की पेशकश की है। वहीं, जेपी समूह के प्रवर्तकों ने भी कंपनी का नियंत्रण फिर से अपने हाथों में लेने के लिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की बोली लगाई है। 

एनसीएलएटी ने 17 मई को एनबीसीसी की बोली पर मतदान कर दिया था और सीओसी को 30 मई तक एनबीसीसी के साथ फिर से बातचीत करने का निर्देश दिया था। इसके बाद 31 मई से मतदान करने को कहा था। अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा था कि यदि एनबीसीसी की समाधान योजना कानून के तहत हो तो सीओसी उसे मंजूरी दे सकती है लेकिन सीओसी बोली को तब तक खारिज नहीं कर सकती जब तक कि इसके लिए एनसीएलएटी की अनुमति नहीं ले ली जाए। 
 

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