जेपी इंफ्राटेक दिवाला: ऋणदाताओं ने nbcc से कुछ शर्तें हटाने को कहा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 May, 2019 12:20 PM

jp infratech bankruptcy lenders to remove certain conditions from nbcc

जेपी इंफ्राटेक के ऋणदाताओं ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी से उसकी संशोधित बोली में रखी गई कुछ शर्तों को वापस लेने को कहा है। ऋणदाताओं ने कहा है कि एनबीसीसी को कर देनदारी से छूट देने जैसी शर्तों को वापस लेना चाहिए।

नई दिल्लीः जेपी इंफ्राटेक के ऋणदाताओं ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी से उसकी संशोधित बोली में रखी गई कुछ शर्तों को वापस लेने को कहा है। ऋणदाताओं ने कहा है कि एनबीसीसी को कर देनदारी से छूट देने जैसी शर्तों को वापस लेना चाहिए। इसकी वजह से उसकी संशोधित बोली शर्तों के साथ बिना बाध्यता वाली बन गई है। ऋणदाताओं की ओर से इस संबंध में शुक्रवार को एनबीसीसी को पत्र भेजा गया है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को 13 मई तक जवाब देने को कहा गया है। ऋणदाताओं की समिति की बैठक 14 मई को बुलाई गई है।

जेपी इंफ्राटेक के अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) अनुज जैन ने एनबीसीसी की बोली को लेकर यह चिंता उठाई थी। उन्होंने कहा कि यह बोली शर्तों के साथ मिली है जिसमें कोई बाध्यता नहीं जताई गई है। जैन ने ऋणदाताओं की समिति को पत्र लिखाकर बताया था कि एनबीसीसी की संशोधित बोली में कुछ शर्तें रखी गई है। इसमें कहा गया है कि जब तक उसे आयकर देनदारियों और किसी भी कारोबार के हस्तांतरण के लिए वाईईआईडीए की अनुमति लेने से छूट नहीं दी जाती है उसकी योजना बाध्यकारी नहीं होगी। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली।

दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया के तहत जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिए मुंबई स्थित सुरक्षा रियल्टी समूह की बोली को तीन मई को खारिज करने के बाद ऋणदाताओं की समिति एनबीसीसी की बोली पर विचार कर रही है। इससे पहले ऋणदाताओं ने एनबीसीसी की बोली पर विचार नहीं किया था और उसे मंजूरी के लिए मतदान के लिए नहीं रखा था क्योंकि उसकी बोली में कई सरकारी विभागों से अनुमति नहीं ली गई थी। अब उसे सभी सरकारी विभागों ने योजना में रखे गए प्रावधानों के लिए मंजूरी दे दी है। 

एनबीसीसी ने अपनी संशोधित बोली में 200 करोड़ रुपए की इक्विटी डालने, बैंकों को 5,000 करोड़ रुपए मूल्य की 950 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने और 2023 तक फ्लैटों का निर्माण कार्य पूरा करने का वादा किया है ताकि वित्तीय ऋणदाताओं के 23,723 करोड़ रुपए के लंबित दावों का निपटान किया जा सके। हालांकि, एनबीसीसी ने इसके साथ ही कई शर्तें भी रखीं हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए उसने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) से भूखंडों को जेपी समूह को हस्तांतरित किए जाने पर 30 वर्षों के दौरान आने वाली 33,000 करोड़ रुपए की कर देनदारी समाप्त करने की मांग रखी है। हालांकि, इन रियायतों पर आईआरपी ने कहा है कि दिवाला प्रक्रिया को लेकर दिसंबर में सीओसी ने जो मंजूरी दी थी उसमें कहा गया था कि संभावित बोली लगाने वालों की समाधान योजना बाध्यकारी और बिना शर्त के होनी चाहिए।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!