Edited By Supreet Kaur,Updated: 14 Jul, 2018 08:48 AM
सुप्रीम कोर्ट जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के खिलाफ परेशान घर खरीदारों की याचिकाओं पर 16 जुलाई को अंतिम सुनवाई करेगा। कोर्ट ने कहा कि वह खरीददारों की शिकायतों और रियल्टी फर्म की पैसे लौटाने की क्षमता पर विशेष रूप से सुनवाई करेगा।
बिजनेस डेस्कः सुप्रीम कोर्ट जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के खिलाफ परेशान घर खरीदारों की याचिकाओं पर 16 जुलाई को अंतिम सुनवाई करेगा। कोर्ट ने कहा कि वह खरीददारों की शिकायतों और रियल्टी फर्म की पैसे लौटाने की क्षमता पर विशेष रूप से सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पहले कहा था कि यदि जेएएल आवास योजना से बाहर निकलने वाले घर खरीदारों की मूल राशि लौटाने के लिए 800 करोड़ रुपए जमा करा देती है तो इलाहाबाद स्थित राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से जेएएल की सहयोगी कंपनी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) की पुनर्गठन संबंधी कंपनी की याचिका पर तेजी से निर्णय करने के लिए कह सकती है। मुख्य न्यायाधीश समेत न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमुर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, घर खरीददारों के हितों की रक्षा और जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के भुगतान क्षमता के पहलू पर विशेष रूप से सुनवाई के लिए मामले को 16 जुलाई को सूचीबद्ध किया जा रहा है।
शुरू में जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एफ.एफ नरीमन ने कहा कि जेएएल चेकों के माध्यम से शीर्ष कोर्ट की रजिस्ट्री के पास 600 करोड़ रुपए जमा करने की योजना के साथ तैयार है, बशर्ते कि कंपनी को बैंकों के माध्यम से धन की व्यवस्था के लिए कुछ स्वतंत्रता दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि जेएएल को धन व्यवस्था करने के लिए अपने संपत्तियों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाती है तो उसकी अनुषंगी कंपनी को झटका ल गेगा और कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। पीठ ने इससे पहले सुनवाई के दौरान जेएएल को 27 अगस्त तक 475 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा था। साथ ही कहा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो उसे कंपनी के निदेशकों को जेल भेजने का आदेश देना पड़ेगा। हालांकि बाद में पीठ ने सुनवाई को 16 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया।