Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Nov, 2020 03:36 PM
जेएसडब्ल्यू स्टील ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपकमों (एमएसएमई) पर केंद्रित वेबसाइट शुरू की है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस वेबसाइट के जरिए एमएसएमई कम मात्रा में भी इस्पात की खरीद कर सकेंगे।
नई दिल्लीः जेएसडब्ल्यू स्टील ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपकमों (एमएसएमई) पर केंद्रित वेबसाइट शुरू की है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस वेबसाइट के जरिए एमएसएमई कम मात्रा में भी इस्पात की खरीद कर सकेंगे।
जेएसडब्ल्यू स्टील के निदेशक-वाणिज्यिक विपणन एवं कॉरपोरेट रणनीति जयंत आचार्य ने कहा कि सामान्य रूप से एमएसएमई छोटी कंपनियां होती हैं, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए विभिन्न उत्पादों का उत्पादन करती हैं। उचित मूल्य और समय पर आपूर्ति से उन्हें प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। आचार्य ने कहा कि इसी मकसद से जेएसडब्ल्यू स्टील ने एमएसएमई के लिए यह वेबसाइट शुरू की है। ‘‘हम एमएसएमई को इस पर पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे हम उनकी जरूरतों को समझ सकेंगे।''
उन्होंने कहा कि कंपनी अपने इस्पात उत्पादों पर तरजीही मूल्य के जरिये एमएसएमई की मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है। इसे 2024-25 तक 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। देश में छह करोड़ से अधिक एमएसएमई इकाइयां हैं। इनमें काफी इंजीनियरिंग निर्यातक हैं। आचार्य ने कहा कि 2019-20 में इंजीनियरिंग निर्यात 76 अरब डॉलर था। सरकार का लक्ष्य 2024-25 तक इसे दोगुना कर 150 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है। ‘‘जेएसडब्ल्यू स्टील एमएसएमई के योगदान को बढ़ाने में भागीदारी करना चाहेगी।''