Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jul, 2018 12:59 PM
देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में जून महीने के दौरान तेजी देखने को मिली है और यह इस साल में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में यह ग्रोथ घरेलू और निर्यात ऑर्डर में आई तेजी के चलते देखने को मिली है।
बिजनेस डेस्कः देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में जून महीने के दौरान तेजी देखने को मिली है और यह इस साल में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में यह ग्रोथ घरेलू और निर्यात ऑर्डर में आई तेजी के चलते देखने को मिली है।
जून मैन्युफैक्चरिंग PMI इंडेक्स में दिसंबर 2017 के बाद सबसे ज्यादा तेजी दिखी और इंडेक्स 53.1 के स्तर पर पहुंच गया। निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के मंथली सर्वे में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर जहां ऑर्डर बढ़े, वहीं एक्सपोर्ट में भी इजाफा होने से इंडेक्स में तेजी आई।
यह लगातार 11वां महीना है जब मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 के अंक के ऊपर रहा है। मई में मैन्युफैक्चरिंग PMI गिरकर 51.2 पर पहुंच गया था जोकि अप्रैल में 51.6 पर था। हालांकि मई में मैन्युफैक्चरिंग की हालत में धीमी गति के साथ सुधार के संकेत मिले थे।
नए ऑर्डर में आई तेजी
आईएचएस मार्किट के इकोनॉमिस्ट और रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा कि ताजा PMI सर्वे इस बात का संकेत दे रहा है कि डिमांड में मजबूती आने से भारत में मैन्युफैक्चरिंग की रफ्तार तेज हुई है। दिसंबर के बाद से नए ऑर्डर में सबसे ज्यादा तेजी रही है। डिमांड घरेलू और ग्लोबल दोनों ही स्तरों पर बेहतर रही। जिसकी वजह से मैन्युफैक्चरिंग फर्म्स ने जहां पर्चेजिंग तेज किया, वहीं स्टॉफ की संख्या भी बढ़ाई है।
RBI बढ़ा सकता है दरें
रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान इनपुट कास्ट इनफ्लेशन और आउटपुट चार्जेज में तेजी आई है। यह इस बात के संकेत हैं कि आने वाले दिनों में सेंट्रल बैंक आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला ले सकता है। बता दें कि एमपीसी की पिछली बैठक में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोत्तरी हुई थी।
जॉब के अवसर बढ़े
डोढिया ने बताया कि रोजगार के मौके पर नवीनतम सर्वेक्षण डेटा एक स्वस्थ श्रम बाजार की ओर इशारा करता है, साथ ही दिसंबर 2017 के बाद से नौकरी सृजन में भी तेजी आई है।