कार्वी शेयर ब्रोकिंग ऐसे कार्यों में लिप्त थी जिसकी कभी अनुमति नहीं थी: सेबी प्रमुख

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Nov, 2019 02:36 PM

karvy share broking was involved in works that were never allowed sebi chief

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग प्रकरण के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कहा कि यह ब्रोकरेज कंपनी ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाई गई जिनकी कभी अनुमति नहीं दी गई थी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई...

मुंबईः कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग प्रकरण के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कहा कि यह ब्रोकरेज कंपनी ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाई गई जिनकी कभी अनुमति नहीं दी गई थी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब नियामक ने कुछ ही दिन पहले स्टॉक ब्रोकिंग फर्म कार्वी के कामकाज करने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई है। 

कार्वी ब्रोकिंग फर्म उसके पास रखे ग्राहकों के शेयरों में अपनी सहयोगी इकाइयों के जरिए खरीद- फरोख्त करने के काम में लिप्त पाई गई। त्यागी ने कहा कि जून में सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर अपनी स्थिति इस मामले में स्पष्ट कर दी थी कि किसी भी इकाई को इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त नहीं होना चाहिये। इससे पहले की भी इस तरह की गतिविधियों में संलिप्तता को स्वीकार नहीं किया जायेगा। 

सेबी अध्यक्ष ने कंपनी संचालन पर आयोजित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) की एशियाई बैठक के मौके पर अलग से संवाददाताओं से कहा, ‘‘बुनियादी तौर पर जिसकी कभी अनुमति नहीं थी, वह काम किया जा रहा था। ऐसा नहीं है कि इसके लिये जून में ही मना किया गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘चाहे इस मामले में स्पष्ट तौर पर पहले कुछ भी नहीं कहा गया था फिर भी आप अपने स्तर पर ग्राहकों के शेयरों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, ऐसा कोई नहीं कर सकता है।'' 

त्यागी ने दोहराया यह बुनियादी मुद्दा है जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। पिछले शुक्रवार को स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी कार्वी को शेयर ब्रोकिंग गतिविधियों के लिये नये ग्राहकों का पंजीकरण करने से रोक दिया गया। कंपनी पर ग्राहकों की प्रतिभूतियों का दुरुपयोग करने का आरोप है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने इस संबंध में सेबी को प्राथमिक रिपोर्ट भेजी थी, उसके बाद ही सेबी की तरफ से कदम उठाया गया। सेबी ने कहा कि एक्सचेंज की शुरुआती रिपोर्ट मिलने के बाद ही कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के खिलाफ 19 अगस्त को सीमित जांच की गई। इसमें एक जनवरी के बाद के सौदों की जांच की गई। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत बरुआ की 12 पृष्ठ के अंतरिम आर्डर में कहा गया है कि मामले में ग्राहकों की प्रतिभूतियों का आगे दुरुपयोग रोकने के लिये तुरंत नियामकीय हस्तक्षेप की जरूरत है। 

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