Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 04:17 PM
नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद कई बैंकों ने अपनी बचत राशि और सावधि जमाओं की ब्याज की दरों में कटौती कर दी। वर्तमान दौर में देखा जाए तो अगर किसी वित्तीय सलाहकार से आप पूछेंगे तो वह आपको इक्विटी में पैसे लगाने के लिए म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने की...
नई दिल्लीः नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद कई बैंकों ने अपनी बचत राशि और सावधि जमाओं की ब्याज की दरों में कटौती कर दी। वर्तमान दौर में देखा जाए तो अगर किसी वित्तीय सलाहकार से आप पूछेंगे तो वह आपको इक्विटी में पैसे लगाने के लिए म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने की सलाह देगा। म्युचुअल फंड स्कीमों के लिए हजारों कंपनियां हैं। म्युचुअल फंड में पैसा लगाने में भी आपको इन बातों का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा।
1.सबसे पहले आपको यह तय करना है कि आपका निवेश का मकसद क्या है। इसके बाद निवेश की राशि और कितने समय के लिए आप म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं।
2.जिस म्यूचुअल फंड की योजना में निवेश करने जा रहे हैं, उस स्कीम को लाने वाली कंपनी और उसकी देखरेख करने वाले मैनेजर का रिकॉर्ड चेक करना भी मायने रखता है। उसकी दूसरी योजनाओं का प्रदर्शन कैसा रहा है और कंपनी की साख बाजार में कैसी है। यह भी पता लगाएं कि आपकी स्कीम के फंड मैनेजर का अनुभव कितना है और वो इस स्कीम को कितने समय से मैनेज कर रहा है।
3.आपको यह तय करना पड़ेगा कि निवेश के लिए कितना जोखिम ले सकते हैं। अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो आपको ज्यादा जोखिम लेना पड़ता है, लेकिन निवेश में सिर्फ रिटर्न महत्वपूर्ण नहीं होता, कैपिटल प्रोटेक्शन यानी आपकी लगाई गई पूंजी की सुरक्षा भी जरूरी होती है।
4.किसी भी म्यूचुअल फंड को चुनते समय यह जरूर देखें कि उसमें निवेश से जुड़े खर्च क्या हैं, क्योंकि आपका नेट रिटर्न इन खर्चों की वजह से कम हो सकता है। एंट्री और एक्जिट लोड, एसेट मैनेजमेंट चार्ज, एक्सपेंस रेश्यो जैसे खर्चों को आपको देखना होगा। वैसे तो म्युचुअल फंड स्कीमों में एंट्री लोड नहीं लगता, लेकिन एक तय सीमा के पहले स्कीम से पैसे निकालने पर कई कंपनियां एक्जिट लोड चार्ज करती हैं, जो 3 प्रतिशत तक हो सकता है, इसलिए उन स्कीमों में निवेश करें जहां एक्जिट लोड कम हो या नहीं हो।