Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Aug, 2019 02:52 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के दौर में सरकारी रिटेल डिविजन ''खादी और ग्रामोद्योग आयोग'' को बड़ा फायदा हुआ है। मेक इन इंडिया के तहत काम करने वाले खादी इंडिया को गत 31 मार्च 2019 तक सेल्स में 25 फीसदी का मुनाफा हुआ है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के दौर में सरकारी रिटेल डिविजन 'खादी और ग्रामोद्योग आयोग' को बड़ा फायदा हुआ है। मेक इन इंडिया के तहत काम करने वाले खादी इंडिया को गत 31 मार्च 2019 तक सेल्स में 25 फीसदी का मुनाफा हुआ है।
एफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के तुलना में खादी और ग्रामोद्योग आयोग का सेल्स पिछले वित्त वर्ष में दोगुना रहा है। एक तरफ एचयूएल का सेल्स पिछले वित्त वर्ष 38 हजार करोड़ रुपए रहा है, वहीं खादी ग्रामीण उद्योग का सेल्स 75 हजार करोड़ रुपए रहा
इस सरकारी रिटेल डिविजन की कमाई का एक बड़ा हिस्सा खादी या घरों में बनने वाले उत्पादों से रहा है। पिछले चार साल के दौरान इसमें जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। खादी प्रोडक्ट्स के बढ़ते मांग की वजह से खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सेल्स में इतना बड़ा इजाफा देखने को मिला है। इन प्रोडक्ट्स में पापड़, शहद और कॉस्मेटिक्स सबसे ज्याद बिके है।कुल सेल में इन तीन प्रोडक्ट्स का हिस्सा 4.30 फीसदी रहा। खादी और ग्रामोद्योग आयोग सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों को विशेष गिफ्टी कूपन और ऑफर्स दे रहे हैं। इन कंपनियों में ओएनजीसी, ऑयल इंडिया से लेकर इंडिया पोस्ट ऑफिस तक शामिल हें।
मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट से मिला बूस्ट
खास बात है मौजूदा दौर में कम्फर्ट को देखते हुये खादी के प्रोडक्ट्स आम लोगों को खूब भा रहे हैं। वहीं, कुछ लोग खादी प्रोडक्ट्स को आइकॉन प्रोडक्ट के तौर भी मानते हैं। ब्रिटिश राज में स्वेदशी मूवमेंट के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खादी को एक अहम औजार के तौर पर इस्तेमाल किया था।
मौजूदा समय में खादी और ग्रामोद्योग आयोग आयोग देशभर के खादी के लिए प्लानिंग, प्रोमोशन और प्रबंधन का काम करता है। केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत भी इससे बूस्ट मिला है। इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार ने लोकल उत्पादकों को बढ़ावा दिया है।