Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Mar, 2019 12:21 PM
अरबपति कारोबारी लक्ष्मी मित्तल ने अपने छोटे भाई प्रमोद मित्तल को वित्तीय मुसीबत से निकलने में मदद की है। सूत्रों के मुताबिक प्रमोद पर स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) का 2,210 करोड़ रुपए का बकाया था।
कोलकाताः अरबपति कारोबारी लक्ष्मी मित्तल ने अपने छोटे भाई प्रमोद मित्तल को वित्तीय मुसीबत से निकलने में मदद की है। सूत्रों के मुताबिक प्रमोद पर स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) का 2,210 करोड़ रुपए का बकाया था। इसके भुगतान के लिए लक्ष्मी मित्तल ने प्रमोद को करीब 1,600 करोड़ रुपए दिए। लक्ष्मी मित्तल के एक दोस्त ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह भुगतान नवंबर और फरवरी में किया गया।
लक्ष्मी मित्तल परिवार को देते हैं महत्व
लक्ष्मी मित्तल के लिए परिवार बहुत अहम है, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्होंने अपने भाई को मुसीबत से निकलने में मदद की। लक्ष्मी मित्तल ने इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार किया और प्रमोद मित्तल ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। ग्लोबल स्टील होल्डिंग्स (जीएसएच) ने 20 मार्च को एक बयान में कहा कि प्रमोद मित्तल ने एसटीसी को उसके दावे का पूरा भुगतान कर दिया है। इसके बाद प्रमोद मित्तल और जीएसएच, ग्लोबल स्टील फिलीपींस (जीएसपी) और बालासोर एलॉय्स के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा विभिन्न आपराधिक मामलों में शुरू की गई कार्यवाही और केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर प्राथमिकी समाप्त कर दी गई। साथ ही एसटीसी अब आइल ऑफ मैन की अदालत में जीएसएच के खिलाफ शुरू की गई बंद करने की कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाएगा।
मुकेश अंबानी भी कर चुके हैं छोटे भाई की मदद
हाल ही में रिलायंस समूह के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने भी अपने छोटे भाई अनिल अंबानी को मुसीबत से निकलने में मदद की थी। एसटीसी ने अपना बकाया वसूलने के लिए जीएसएच, जीएसपी, प्रमोद मित्तल और अन्य के खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाया था। जीएसएच, जीएसपी और एसटीसी के बीच हुए समझौते के तहत इस मामले को सुलझा दिया गया। प्रमोद मित्तल की कंपनियों के साथ एसटीसी का संबंध सितंबर 2003 से है।
इस्पात उद्योग में मंदी और 2008 से 2010 के बीच वैश्विक आर्थिक संकट के कारण जीएसपी को भारी नुकसान हुआ और उस पर एसटीसी का बकाया बढ़ता गया। लक्ष्मी मित्तल और प्रमोद मित्तल ने 1994 में अपने रास्ते अलग कर दिए थे लेकिन जब छोटे भाई को मदद की जरूरत पड़ी तो बड़े भाई ने उनका पूरा साथ दिया।