Edited By Supreet Kaur,Updated: 15 Jul, 2019 03:20 PM
संकट में फंसी आवास ऋण एवं संपत्ति वित्तपोषण कंपनी डीएचएफएल ने सोमवार को कहा कि वह कंपनी के सामने नकद धन की कमी के मुद्दे के हल को हितधारकों तथा ऋणदाताओं के साथ काम कर रही हैं। कंपनी ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा है कि इस मुद्दे का हल इस तरह से...
नई दिल्लीः संकट में फंसी आवास ऋण एवं संपत्ति वित्तपोषण कंपनी डीएचएफएल ने सोमवार को कहा कि वह कंपनी के सामने नकद धन की कमी के मुद्दे के हल को हितधारकों तथा ऋणदाताओं के साथ काम कर रही हैं। कंपनी ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा है कि इस मुद्दे का हल इस तरह से किया जाएगा कि ऋणदाताओं को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़े। मार्च तिमाही में डीएचएफएल को 2,223 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
कंपनी के वित्तीय परिणाम शनिवार को आए थे। एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी ने 134 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। कंपनी ने कहा,‘‘हम हितधारकों-ऋणदाताओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं जिससे इस मुद्दे का वृहद निपटान किया जा सकेगा। ऋणदाताओं को किसी तरह का नुकसान नहीं हो ऐसा सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।'' मीडिया के एक वर्ग में इस तरह की खबरें आई हैं कि ऋणदाताओं को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
डीएचएफएल ने कहा कि क्षेत्र के दबाव के बारे में महीनों पहले पता था। कंपनी इस दबाव में भी खड़ी रही है और लगातार मजबूत बनी हुई है। डीएचएफएल ने कहा कि उसने सितंबर, 2018 से 41,800 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है। डीएचएफएल के चेयरमैन कपिल वाधवन ने कहा कि सितंबर, 2018 से कंपनी 41,800 करोड़ रुपए का भुगतान करने में सफल रही है। यह भुगतान मुख्य रूप से संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुन: भुगतान संग्रह से किया गया है। वित्त वर्ष 2018-19 में डीएचएफएल को 1,036 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। 2017-18 में कंपनी ने 1,240 करोड़ रुपए का लाभ कमाया था।