Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jun, 2020 12:15 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रविवार को कहा कि कर्ज देने वाली संस्थाओं को एमएसएमई के लिए घोषित आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के तहत दी जाने वाली ऋण सुविधाओं पर शून्य
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रविवार को कहा कि कर्ज देने वाली संस्थाओं को एमएसएमई के लिए घोषित आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के तहत दी जाने वाली ऋण सुविधाओं पर शून्य प्रतिशत जोखिम भार देकर आगे बढ़ना चाहिए।
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से त्रस्त सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) को राहत देने के लिए मई में आपातकालीन ऋण गारंटी योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत यदि बैंक व वित्तीय संस्थान अतिरिक्त कार्यशील पूंजी के लिए सावधि कर्ज देते हैं या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) 25 करोड़ तक के बकाए पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त राशि उधार देती हैं, तो इसे सरकार से 100 प्रतिशत गारंटी प्राप्त होगी। इस तरह की ऋण सुविधाओं को राष्ट्रीय ऋण गारंटी न्यास कंपनी से गारंटी मिलती है।
रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘राष्ट्रीय ऋण गारंटी न्यास कंपनी से गारंटीप्राप्त योजना के तहत दी जाने वाली ऋण सुविधाएं भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई बिना शर्त और अपरिवर्तनीय गारंटी के साथ समर्थित हैं। यह निर्णय लिया गया है कि उधार देने वाले संस्थान इस योजना के तहत विस्तारित ऋण सुविधाओं पर शून्य प्रतिशत जोखिम भार प्रदान करेंगे।''
ऋण देने वाली संस्थाओं में बैंक, पात्र एनबीएफसी व आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (सिडबी, एनएचबी, नाबार्ड, ईएक्सआईएम बैंक) शामिल हैं। एक अलग विज्ञप्ति में, आरबीआई ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन मार्च 2020 से दो साल आगे की अवधि के लिये या अगले आदेश तक नटराजन चंद्रशेखरन को भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में अंशकालिक गैर-आधिकारिक निदेशक के रूप में फिर से नामित किया है।