होलसेल में इतनी महंगी मिल रही है अरहर दाल

Edited By ,Updated: 16 Sep, 2016 05:24 PM

lentils wholesale

देश के अंदर से और विदेश से दाल की सप्लाई बढ़ी है लेकिन होलसेल और रिटेल मार्कीट में इसके दाम में काफी अंतर बना हुआ है।

नई दिल्लीः देश के अंदर से और विदेश से दाल की सप्लाई बढ़ी है लेकिन होलसेल और रिटेल मार्कीट में इसके दाम में काफी अंतर बना हुआ है। मिसाल के लिए, दिल्ली में तूर यानी अरहर दाल की होलसेल कीमत 98 रुपए किलो है, जबकि रिटेल मार्कीट में यह लगभग 160 रुपए के भाव पर मिल रही है।


इंडियन पल्सेज एंड ग्रेन एसोसिएशन के चेयरमैन प्रवीण डोंगरे ने बताया, 'पिछले डेढ़ साल में होलसेल और रिटेल मार्कीट में दाल के दाम का अंतर बढ़कर 40-50 फीसदी हो गया है। पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया था।' डोंगरे ने बताया कि इस वजह से दाल की थोक कीमत में आई गिरावट का फायदा कंज्यूमर्स को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऑर्गनाइज्ड रिटेल और किराना स्टोर्स के बीच भी दाल के दाम में काफी फर्क है।

डोंगरे ने बताया कि इसकी डिटेल, बिल और प्राइस सैंपल कंज्यूमर्स अफेयर्स मिनिस्ट्री को दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में मिनिस्ट्री ने भी अपनी तरफ से रिसर्च की है और उसे भी इस प्रॉब्लम के बारे में पता है। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा था कि अगर दाल के होलसेल और रिटेल प्राइस के बीच गैप जल्द कम नहीं होता है तो वह इसकी अधिकतम खुदरा कीमत तय कर सकती है। कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी हेम पांडे ने दुकानदारों से इसकी अपील करते हुए कहा था कि रिटेल लेवल पर दाम काफी ज्यादा है। वहीं, व्यापारियों का कहना है कि दाल के दाम में गिरावट आ रही है। उन्होंने बताया कि मूंग दाल का मिनिमम सपोर्ट प्राइस 425 रुपए के बोनस सहित 5,225 रुपए प्रति क्विंटल है। उनके मुताबिक, होलसेल मार्कीट में प्रोसेसिंग के बाद मूंग दाल 62 रुपए किलो के भाव पर बिक रही है, जबकि इसका रिटेल प्राइस 140 रुपए किलो है। सरकार ने कर्नाटक में मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर अभी तक 25 टन मूंग खरीदी है।

दिल्ली के नया बाजार मार्कीट के एक ट्रेडर और इंपोर्टर सिलीगुड़ी एसोसिएट्स के सुनील बलदेवा ने कहा, 'अक्तूबर के बाद हालात बदलेंगे। उस समय ऑस्ट्रेलिया और रूस से भारी मात्रा में चना का इंपोर्ट होगा। इसके साथ ही देश में अरहर, उड़द और मूंग की फसल की कटाई होगी।' बलदेवा ने कहा कि दालों की खुदरा कीमत में अच्छी-खासी गिरावट आनी चाहिए क्योंकि दाल की प्रोसेसिंग करने वाली कंपनियां इससे मुनाफाखोरी कर रही हैं। वहीं, लक्ष्मी प्रोटीन प्रॉडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मितेश पटेल ने बताया कि होलसेलर से सेमी-होलसेलर और उसके बाद रिटेलर तक दाल पहुंचती है। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन लंबी होने की वजह से रिटेल प्राइस ऊंची बनी हुई है। पटेल की कंपनी लक्ष्मी तूर दाल ब्रांड के तहत तूर दाल की बिक्री करती है। सरकार 2016-17 सीजन में 2 करोड़ टन दाल की पैदावार की उम्मीद कर रही है, जो पिछले साल 1.64 करोड़ टन थी।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!