Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Apr, 2019 02:11 PM
भारी वित्तीय संकट से जूझ रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के परिचालन में मौजूद विमानों की संख्या घटकर 15 से भी कम रह गई है जिस कारण उसकी अंतर्राष्ट्रीय सेवा पर प्रतिबंध लग सकता है। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने बुधवार सुबह
नई दिल्लीः भारी वित्तीय संकट से जूझ रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के परिचालन में मौजूद विमानों की संख्या घटकर 15 से भी कम रह गई है जिस कारण उसकी अंतर्राष्ट्रीय सेवा पर प्रतिबंध लग सकता है। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने बुधवार सुबह यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समय जेट के 15 से भी कम विमान परिचालन में हैं और इसलिए अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए उसे दी गई अनुमति पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
नहीं भर पाएंगे इंटरनैशनल उड़ान
उल्लेखनीय है कि किसी विमान सेवा कंपनी के पास 20 से ज्यादा विमान होने पर ही उसे अंतर्राष्ट्रीय परिचालन शुरू करने की अनुमति दी जाती है। हालांकि, यह विशेष परिस्थिति है जहां कंपनी को पहले से ही अनुमति मिली हुई है और विमान का किराया नहीं चुकाने के कारण अब उसके विमानों की संख्या कम हो गई है। मंगलवार को कंपनी ने पट्टेदारों को किराया नहीं चुकाने के कारण 15 और विमानों के ग्राउंडेड होने की सूचना दी थी।
एयरलाइंस ने कहा है कि नकदी संकट के कारण वह किराए की राशि नहीं चुका पाई है। उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज ऋणदाताओं को भी भुगतान करने में विफल रही है। दिवाला प्रक्रिया के तहत भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने उसके ऋण के बदले इक्विटी के माध्यम से हिस्सेदारी लेने का फैसला किया है जिसे एयरलाइंस के बोर्ड ने भी मंजूरी दे दी है।
SBI देगी 1500 करोड़ रुपए
एसबीआई तत्काल 1,500 करोड़ रुपए की नकदी उपलब्ध कराने पर भी सहमत हुआ है लेकिन कर्मचारियों के बकाए, विमान ईंधन के लिए भुगतान, हवाई अड्डा शुल्क और विमानों के किराए के मदद में भारी बकाए को देखते हुए यह राशि काफी कम है। नागर विमानन मंत्रालय में पिछले सप्ताह के आरंभ में जेट एयरवेज को लेकर हुई बैठक के बाद नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने बताया था कि एसबीआई की नकदी उपलब्ध कराने और प्रबंधन में बदलाव के मद्देनजर विमानों के पट्टेदारों से बात की जाएगी तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई और विमान ग्राउंडेड न हो। इसके बावजूद विमानों के ग्राउंडेड होने से साफ है कि बात बन नहीं सकी है।