Edited By vasudha,Updated: 02 Apr, 2020 02:23 PM
देश के विभिन्न हिस्सों में सिर उठा रही कोविड- 19 महामारी से निपटने के लिये सरकार को सहयोग देने के लिये सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियां का अपनी तरफ से वित्तीय योगदान और दूसरी तरह के सहयोग की घोषणाओं का सिलसिल जारी रहा। केन्द्र सरकार और कई...
बिजनेस डेस्क: देश के विभिन्न हिस्सों में सिर उठा रही कोविड- 19 महामारी से निपटने के लिये सरकार को सहयोग देने के लिये सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियां का अपनी तरफ से वित्तीय योगदान और दूसरी तरह के सहयोग की घोषणाओं का सिलसिल जारी रहा। केन्द्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस बीमारी के उपचार और परीक्षण सुविधायें उपलब्ध कराने में योगदान के लिये अपने अपने स्तर पर अलग आपात कोष बनाये हैं।
देश के दो अग्रणी वित्तीय संस्थानों भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत (पीएम केयर्स) कोष में क्रमश: 100 करोड़ रुपये और 105 करोड़ रुपये का योगदान किया है। आईआईएफसीएल ने ट्वीट कर बताया कि उसने पीएमकेयर्स कोष में 25 करोड़ रुपये का योगदान किया है। कंपनी ने यह राशि उसके सीएसआर कोष से आगे बढ़कर दी है। कंपनी ने अन्य मदों से अतिरिक्त संसाधन जुटाकर यह राशि दी है। कोरोना वायरस संकट से लड़ने के लिये जनरल इंश्योंरेस कार्पोरेशन आफ इंडिया ने भी 22.69 करोड़ रुपये का योगदान किया है।
पेंशन क्षेत्र के नियामक पेंशन नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने अपने कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा पीएम केयर्स कोष में देने का वादा किया है। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले सिक्युरिटी प्रिंटिंग एण्ड मिंटिंग कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड ने भी दो करोड़ रुपये का योगदान किया है। कंपनी एम्स, दिलली के लिये 45 वेंटीलेटर्स खरीदेगी। कोविड- 19 के इलाज में काम आने वाले उपकरणों की खरीद करेगी। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने भी राहत कार्यों के लिये पांच करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इसमें दो करोड़ रुपये पीएम केयर्स कोष में, दिल्ली और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के राहत कोष में प्रत्येक को 51 लाख रुपये देने के साथ ही राजस्थान सरकार को परीक्षण सुविधा में मदद दी है।