Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 May, 2019 11:15 AM
जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में एल.आई.सी. को मृतका का क्लेम नहीं देने पर 4 लाख रुपए मुआवजा देने के तुरंत प्रभाव से आदेश दिए हैं।
कैथलः जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में एल.आई.सी. को मृतका का क्लेम नहीं देने पर 4 लाख रुपए मुआवजा देने के तुरंत प्रभाव से आदेश दिए हैं।
क्या है मामला
शिकायतकर्ता सहदेव निवासी गांव भाणा (पूंडरी) ने बताया कि उसने एल.आई.सी. से 12 जुलाई, 2014 को अपनी पत्नी सुदेश रानी के नाम एक बीमा पॉलिसी करवाई थी। उसकी पत्नी की मृत्यु 9 जनवरी, 2015 को हो गई। उसने एल.आई.सी. से 4 लाख रुपए क्लेम का आवेदन किया तो उसने यह कह कर मना कर दिया कि मृतका की आयु व शिक्षा गलत दर्शाई गई है जो पूरी तरह से उसकी लापरवाही है। उसने फोरम से आग्रह किया कि उसे क्लेम राशि दिलवाई जाए। बीमा कम्पनी ने अपने जवाब में फोरम में कहा कि मृतका ने अपनी सही उम्र व शिक्षा दर्ज नहीं करवाई थी। मृत्यु के समय वह 35 वर्ष से कम नहीं थी और मिडल कक्षा तक ही शिक्षित थी तो ऐसे में उन्होंने सच्चाई को छिपाया जिस पर क्लेम नहीं बनता।
यह कहा फोरम ने
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फोरम के प्रधान दीनानाथ अरोड़ा व सदस्य राजबीर सिंह व सुमन राणा ने अपने फैसले में सुनाया कि उम्र कम करने या शिक्षा संबंधी कोई बात छिपाने से क्लेम को मना नहीं किया जा सकता। बीमा करते समय कम्पनी ने उसके उम्र व शिक्षा संबंधी दस्तावेजों की जांच क्यों नहीं की। फोरम ने मृतका के पति सहदेव (नोमिनी) को 4 लाख रुपए क्लेम राशि व 5,000 रुपए मानसिक रूप से तंग करने के लिए बीमा कम्पनी को भुगतान करने का आदेश दिया।