लॉकडाउन ने बिगाड़ दिया रसोई का बजट, महंगी हुई दाल और सब्जियां

Edited By vasudha,Updated: 30 Apr, 2020 04:31 PM

lockdown spoils kitchen budget

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देश के लगभग हर राज्य  में लॉकडाउन लागू है। ऐसे में रोजी रोटी का संकट झेल रहे आम आदमी के सामने एक​ और मुसीबत आकर खड़ी हो गई है। अब चावल, दाल, गेहूं जैसे रोजाना इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतें फिर भी से...

बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देश के लगभग हर राज्य  में लॉकडाउन लागू है। ऐसे में रोजी रोटी का संकट झेल रहे आम आदमी के सामने एक​ और मुसीबत आकर खड़ी हो गई है। अब चावल, दाल, गेहूं जैसे रोजाना इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतें फिर भी से बढ़ गई हैं, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। 

 

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली में अरहर दाल की कीमत लॉकडाउन से पहले 93 रुपये प्रति किलो थी, जो अब 106 रुपये प्रति किलो हो गई है। चने की दाल की कीमत 72 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 86 रुपये, मसूर दाल की 71 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 81 रुपये , सरसों के तेल की कीमत 124 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 132 रुपये और सोया तेल की कीमत 111 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 121 रुपये हो गई है। 28 दिनों के दौरान कई दालों की कीमत लॉकडाउन से पहले के माह के मुकाबले औसतन लगभग 6 फीसदी बढ़ गई हैं।

 

सब्जी की बात करें तो आलू का भाव 15 फीसदी और टमाटर का 28 फीसदी बढ़ा है। इनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आवश्यक चीजों की खरीद और ट्रांसपोर्टेशन को लॉकडाउन से छूट के दिशा-निर्देशों के बावजूद उतनी छूट नहीं मिल पा रही है।

 

IGIDR की रिपोर्ट को माने तो लॉकडाउन में 11159 वर्कर्स में से लगभग 96 फीसदी को सरकार से राशन नहीं मिला है। 72 फीसदी का कहना है कि उनका राशन दो दिन में ही खत्म हो गया और 90 फीसदी का कहना है कि उन्हें वेतन/मजदूरी नहीं मिली है। 

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