Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 Jul, 2018 10:09 AM
सरकार ने जीएसटी के तहत आने वाले लग्जरी आइटम्स पर एक फीसदी कृषि सेस यानी उपकर लगाने को हरी झंडी दे दी है। इन लग्जरी आइटम्स पर अभी 28 फीसदी जीएसटी लगता है। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय ने लग्जरी आइटम्स पर एक फीसदी कृषि सेस लगाने पर मुहर लगा दी है।...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने जीएसटी के तहत आने वाले लग्जरी आइटम्स पर एक फीसदी कृषि सेस यानी उपकर लगाने को हरी झंडी दे दी है। इन लग्जरी आइटम्स पर अभी 28 फीसदी जीएसटी लगता है। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय ने लग्जरी आइटम्स पर एक फीसदी कृषि सेस लगाने पर मुहर लगा दी है। अब इसे ग्रुप आफ मिनिस्टर्स के जरिए जीएसटी काउंसिल को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने पर इसको लागू कर दिया है।
क्यों उठाया सरकार ने यह कदम
अभी जिन लग्जरी आइटम्स पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है, उनमें एयरकंडिशनर, वॉशिंग मशीन, फ्रिज, पेंट, सीमेंट, रंगीन टेलीविजन, परफ्यूम, डिश, वैक्यूम क्लीनर, टू व्हीलर, कार, एयरक्राफ्ट, पान मसाला, सिगरेट और टोबैको प्रॉडक्ट्स शामिल है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने यह फैसला किसानों के लिए खरीफ फसलों का एमएसपी बढ़ाने के बाद किया है। एमएसपी बढ़ाने से सरकार के खजाने पर करीब 15,000 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। अगर सरकार इसको खुद उठाएगी तो इससे वित्तीय घाटा बढ़ सकता है। यही कारण है कि अब कृषि सेस लगाने का फैसला किया गया है।
बढ़ाया फसलों का MSP
सरकार ने हाल में धान, दाल, मक्का जैसी खरीफ फसलों के लिए एमएसपी लागत का डेढ़ गुना करने का फैसला किया था। मिनिमम सपोर्ट प्राइस वह कीमत होती है, जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है। सरकार ने धान की एमएसपी 200 रुपए बढ़ाकर 1750-1770 रुपए प्रति क्विंटल, मक्के की एमएसपी 1425 रुपए से बढ़ाकर 1700 रुपए प्रति क्विंटल, अरहर की एमएमसी 5450 रुपए से बढ़ाकर 5675 रुपए प्रति क्विंटल, उड़द की एमएसपी 5400 रुपए से बढ़ाकर 5600 रुपए प्रति क्विंटल कर दी है।