Edited By ,Updated: 25 Oct, 2015 03:05 PM
'मेक इन इंडिया' अभियान की दर्ज पर तमिलनाडु के पटाखा विनिर्माता इस बारे चीन से गैरकानूनी तरीके से आयातित पटाखों का मुकाबला करने की तैयारी कर रही हैं।
चेन्नई: 'मेक इन इंडिया' अभियान की दर्ज पर तमिलनाडु के पटाखा विनिर्माता इस बारे चीन से गैरकानूनी तरीके से आयातित पटाखों का मुकाबला करने की तैयारी कर रही हैं। पटाखा विनिर्माता देश में बने पटाखों की अवधारणा को प्रोत्साहित करेंगे।
तमिलनाडु फायरकै्रकर्स एंड एमोर्सिस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस अबिरबेन ने कहा कि तमिलनाडु के पटाखा विनिर्माताओं ने चीन से गैरकानूनी तरीके से आयातित पटाखों का मुद्दा केंद्र व राज्य सरकार के साथ उठाया है। उन्होंने कहा कि देश में आपूर्ति किए जाने वाले 90 प्रतिशत पटाखे शिवकाशी (तमिलनाडु) में बनते हैं। पटाखा उद्योग करीब 6,000 करोड़ रुपए का है।
"हमने प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान की तर्ज पर लोगों में भारत में बने पटाखों को खरीदने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है।" उन्होंने कहा कि करीब 5 लाख परिवार इस उद्योग पर निर्भर हैं। अवैध आयात से उद्योग प्रभावित हो रहा है। "चीनी पटाखों की वजह से करीब 30 प्रतिशत कारोबार पर असर पड़ा है।"