Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jun, 2018 04:55 PM
उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है किसानों के ऋणों काे माफ करने के बजाए कृषि को टिकाऊ और लाभप्रद बनाना तथा किसानाेें की अामदनी को बढ़ाने के तरीके खोजना अधिक महत्वपूर्ण है और यह उनकी समस्याओं का स्थायी हल हो सकता है।
पुणेः उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है किसानों के ऋणों काे माफ करने के बजाए कृषि को टिकाऊ और लाभप्रद बनाना तथा किसानाेें की अामदनी को बढ़ाने के तरीके खोजना अधिक महत्वपूर्ण है और यह उनकी समस्याओं का स्थायी हल हो सकता है।
नायडू ने दो दिवसीय 'मेकिंग एग्रीकल्चर सस्टेनेबल एंड प्रोफिटेबल' राष्ट्रीय मंथन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए गुरूवार काे कहा कि आज कृषि क्षेत्र में अधिक चुनौतियां देखने को मिल रही है और यह समय की मांग है कि कृषि को सतत तथा लाभप्रद बनाने के लिए बहु रणनीति अपनाई जाए ।
उन्होंने कहा, 'हमने गांधीजी की उस बात पर ध्यान नहीं दिया था जब उन्होंने वापस गांव की ओर चलो' का नारा दिया था लेकिन यह अब समय की मांग है कि हम सब एक होकर कृषि को टिकाऊ और लाभप्रद बनाने के लिए काम करें।
इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि उनका राज्य उन कुछ गिने चुने राज्योें में शुमार है जिसने किसानों की ऋण माफी की याेजना की घोषणा की है। उन्होंने इस बात पर दुख प्रकट किया कि राज्य के भंडारगृह फसलों से भरे पड़े हैं लेकिन उनकी बिक्री के कोई रास्ते नहीं हैं। उन्होंने कहा आज इस बात की आवश्यकता है कि किसानों की फसलों को खरीदा जाए और इनकी बिक्री का भी प्रबंध किया जाए ताकि राज्य निगम घाटे के बोझ से नहीं दबें।
कार्यक्रम में मशहूर कृषि वैज्ञानिक डा़ एम एस स्वामीनाथन ने किसान आयोग की रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें किसानाें को उनकी लागत और 50 प्रतिशत लाभ को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की सिफारिश की गई है।