Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 11:56 AM
विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गई। इसकी अहम वजह कारखानों का उत्पादन, नए ऑर्डर और रोजगार वृद्धि का धीमा रहना है। यह बात कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किए जाने वाले एक मासिक सर्वेक्षण में सामने आई है।
नई दिल्लीः विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गई। इसकी अहम वजह कारखानों का उत्पादन, नए ऑर्डर और रोजगार वृद्धि का धीमा रहना है। यह बात कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किए जाने वाले एक मासिक सर्वेक्षण में सामने आई है।
निक्केइ इंडिया का विनिर्माण पी.एम.आई. जनवरी में गिरकर 52.4 पर पहुंच गया जबकि दिसंबर में यह 60 माह के उच्च स्तर यानी 54.7 पर था, हालांकि यह लगातार छठा महीना है जब विनिर्माण पी.एम.आई. 50 से ऊपर रहा है। पी.एम.आई. का 50 से ऊपर रहना संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों में विस्तार को जबकि 50 से नीचे रहना संकुचन को दर्शाता है।
आई.एच.एस. मार्कीट में अर्थशास्त्री और इस रिर्पोट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा कि दिसंबर में बढिय़ा प्रदर्शन करने के बाद भारतीय विनिर्माण अर्थव्यवस्था ने अपनी तेजी को जनवरी में खो दिया। इसका प्रमुख कारण उत्पादन और नए ऑर्डर में कमी के साथ रोजगार निर्माण में वृद्धि का धीमा रहना है।