Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Sep, 2017 01:59 PM
देश के विनिर्माण क्षेत्र में नये आर्डर मिलने, उत्पादन और रोजगार गतिविधियां बढऩे से अगस्त माह में उछाल दर्ज किया गया।
नई दिल्लीः देश के विनिर्माण क्षेत्र में नये आर्डर मिलने, उत्पादन और रोजगार गतिविधियां बढऩे से अगस्त माह में उछाल दर्ज किया गया। एक सर्वेक्षण में आज यह निष्कर्ष सामने आया है। इसमें कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने की वजह से जुलाई की मंदी से उबरकर अगस्त 2017 में तेजी से आगे बढ़ा है। निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अगस्त माह में उछलकर 51.2 पर पहुंच गया। एक माह पहले जुलाई में यह 47.9 पर था। माल एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) के एक जुलाई से लागू होने के चलते विनिर्माण क्षेत्र में गतिविधियां काफी धीमी पड़ गई थी। अगस्त में क्षेत्र इस स्थिति से उबर गया।
पी.एम.आई. सूचकांक 50 से ऊपर होने पर यह विस्तार का संकेत देता है जबकि इससे कम अंक मिलने पर यह क्षेत्र में गिरावट का सूचक होता है। रिपोर्ट तैयार करने वाली आईएचएस माॢकट की प्रधान अर्थशास्त्री पोलियाना डे लीमा ने कहा, ‘‘अगस्त पी.एम.आई. दर्शाता है कि भारत में विनिर्माण क्षेत्र जुलाई के जीएसटी लागू होने झटके से उबर गया है।’’ सर्वे रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के सभी तीनों उप-क्षेत्रों में व्यापक सुधार दर्ज किया गया। पूंजीगत सामानों के क्षेत्र ने उत्पादन वृद्धि दर के मामले में उपभोक्ता और मध्यवर्ती सामानों के क्षेत्र को पीछे छोडते हुई बाजी मारी है।
इससे भी बढ़कर बात यह है कि इस दौरान बढ़े काम के बोझ से उबरने के लिये विनिर्माताओं ने अतिरिक्त स्टाफ रखा है। मार्च2013 के बाद यह सबसे तेजी से काम बढ़ा है।लीमा ने कहा, ‘‘जुलाई में कंपनियों ने संकेत दिया था कि नई कर व्यवस्था के बारे में स्पष्टता नहीं होने की वजह से वह अपने आर्डर, उत्पादन और खरीद को आगे के लिये टाल रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने काम तेजी से शुरू कर दिया है। विनिर्माताओं, आपूॢतकर्ताओं और उनके ग्राहक सभी को जीएसटी दरों के बारे में काफी कुछ जानकारी और स्पष्टता मिल चुकी है।’’