बजट में खेती के लिए हो सकते हैं कई बड़े ऐलान: रिपोर्ट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jun, 2019 11:17 AM

many big announcements may be made for farming in the budget report

आने वाले बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान किए जा सकते हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में खेती से होने वाली आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार को आने वाले बजट में निवेश के उद्देश्य से एग्रीकल्चर लोन के लिए...

नई दिल्लीः आने वाले बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान किए जा सकते हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में खेती से होने वाली आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार को आने वाले बजट में निवेश के उद्देश्य से एग्रीकल्चर लोन के लिए भत्ते मुहैया कराने की जरूरत है। रिपोर्ट के मुताबिक, खेती में कैपिटल फॉर्मेशन एक तरह से ठहर गया है। 

आने वाले बजट में खेती के लिए कई बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। खेती में लॉन्ग टर्म फायदे के लिए सरकार को 5 साल के दौरान इनकम सपॉर्ट 6,000 रुपए से 8,000 रुपए बढ़ाए जाने की उम्मीद है जिससे उपभोक्ताओं को फील गुड फैक्टर होगा और उनका उत्साहवर्धन होगा। रिपोर्ट में कहा गया है, 'हमारा मानना है कि इनकम के क्षेत्र में सुधार के लिए इनकम सपॉर्ट बेहद जरूरी स्कीम है और देश में 14 करोड़ किसानों के जीवन निर्वाह के लिए जरूरी है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों को लंबे समय-कम से कम 5 साल के लिए बड़े स्तर पर इनकम सपॉर्ट मुहैया कराया जाना चाहिए। 

रिपोर्ट में की गई कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर टर्मिनल इयर में इनकम सपॉर्ट 6,000 रुपये से बढ़कर 8,000 रुपए हो जाती है और 2024 में राजकोषीय घाटे में कमी आती है तो 14 करोड़ किसानों के लिए 12,000 करोड़ रुपए सालाना अतिरिक्त पैसे खर्च होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'अगर इकॉनमी में दोबारा ग्रोथ होती है तो वित्त वर्ष 2024 में इनकम सपॉर्ट के साथ राजकोषीय घाटे में जीडीपी की 3 प्रतिशत कमी होगी क्योंकि जीडीपी में भी 0.40 प्रतिशत से 0.34 प्रतिशत की कमी हो रही है।' रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय संस्थान और सरकार खेती से लेकर बिक्री तक मार्केट सपॉर्ट मुहैया कराकर किसानों की मदद कर सकते हैं। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में अभी तीन तरह की फसलें कवर होती हैं- अनाज, तिलहन और सालाना कमर्शल/बागबानी फसलें। बैंक द्वारा दिए गए कुल फसल लोन में सिर्फ 30 प्रतिशत ही कवर होती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 'सरकरा को PMFBY के तहत सभी तरह की फसलें कवर करनी चाहिए, इससे बैंकों को रिस्क मैनेज करने में मदद मिलेगी।' 

रिपोर्ट के अनुसार सरकार को सभा राज्यों में ग्लोबल वैल्यू चेन डिवेलप करना चाहिए और लैंड लीज मार्केट में ढील देनी चाहिए। ऐसा करने से मध्यम से लेकर लॉन्ग टर्म के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर खेती करना उत्साहजनक होगा। 
 

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