मारुति ने रेलवे से भेजी 6.7 लाख से अधिक कारें, बचाया 10 करोड़ लीटर ईंधन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jul, 2020 04:43 PM

maruti sent over 6 7 lakh cars from the railway saved so many

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने पिछले छह साल में भारतीय रेलवे से 6.7 लाख कारें देश के विभिन्न हिस्सों में बिक्री के लिए भेजी। कंपनी ने आज एक बयान में बताया कि इस दौरान इसमें 18 फीसदी से अधिक की सीएजीआर दर्ज की गई।

नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने पिछले छह साल में भारतीय रेलवे से 6.7 लाख कारें देश के विभिन्न हिस्सों में बिक्री के लिए भेजी। कंपनी ने आज एक बयान में बताया कि इस दौरान इसमें 18 फीसदी से अधिक की सीएजीआर दर्ज की गई।

Maruti Suzuki saves fossil fuel consumption, transport cars via ...

कंपनी ने मार्च 2014 में डबल डेकर फ्लेक्सी-डेक रैक के जरिए अपनी कारों की पहली खेप भेजी थी। मारुति का कहना है कि अपनी कारों को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने के लिए रेलवे के इस्तेमाल से उसे करीब 3000 मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली है। इससे करीब 10 करोड़ लीटर जीवाश्म ईंधन की बचत हुई। अगर इन कारों को ट्रकों के जरिए भेजा जाता तो इसके लिए ट्रकों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक लाख से अधिक चक्कर लगाने पड़ते। पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1.78 लाख से अधिक कारों को रेलवे के जरिए भेजा गया जो उससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 15 फीसदी अधिक है। यह साल में कंपनी के कुल बिक्री का 12 फीसदी है।

1.78 lakh units in 2019: Why Maruti is betting big on railways to ...

27 रैक्स का इस्तेमाल कर रही है मारुति
कारों की ढुलाई में रेलवे की अहमियत का जिक्र करते हुए एमएसआई के एमडी और सीईओ केनिची आयुकावा ने कहा कि बढ़ती बिक्री के मद्देनजर हमारी टीम को लार्ज स्केल लॉजिस्टिक्स की जरूरत महसूस हुई। हमें लगा कि न केवल विस्तार के लिए बल्कि खतरा कम करने के लिए भी हमें रोड मोड लॉजिस्टिक्स के इतर विकल्प देखने चाहिए।
 
Maruti Suzuki transported over 6.7 lakh cars through Indian ...

कंपनी ने सिंगल डेक वैगन से शुरुआत की जिसमें 125 कारों की ढुलाई की जा सकती थी। फिर कंपनी ने डबल-डेकर रैक्स में शिफ्ट किया जिनमें 265 कारों को ले जाया जा सकता है। अब तक इनके जरिए 1.4 लाख से अधिक कारों को भेजा जा चुका है। कंपनी 27 रैक्स का इस्तेमाल कर रही है जो करीब 95 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकते हैं। हर रैक में 318 कारों को ले जाया जा सकता है।

एएफटीओ लाइसेंस
एमएसआई ने दावा किया कि वह देश की पहली ऑटो कंपनी है जिसने ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर (AFTO) का लाइसेंस मिला है। इससे प्राइवेट कंपनियां इंडियन रेलवे के नेटवर्क पर हाई स्पीड, हाई कैपेसिटी ऑटो वैगन रैक्स ऑपरेट कर सकते हैं। अभी कंपनी 5 लोडिंग टर्मिनल और 13 डेस्टिनेशन टर्मिनल का इस्तेमाल करती है। अगरतला के रेल नक्शे से जुड़ने से अब रेल मोड की पहुंच पूर्वोत्तर तक हो गई है। कंपनी का कहना है कि इससे पूर्वोत्तर के राज्यों तक कारों को पहुंचने में अब आधा समय लगेगा।

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