Edited By Supreet Kaur,Updated: 22 Aug, 2018 10:53 AM
मैक्स हेल्थकेयर में दक्षिण अफ्रीका की कंपनी लाइफ हेल्थकेयर की 47.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में निजी इक्विटी फंड केकेआर सबसे आगे चल रहा है। इसकी वजह यह है कि अमेरिका के निजी इक्विटी फंड बेन केपिटल ने मर्चेंट बैंकरों के प्रस्ताव को आगे नहीं...
नई दिल्लीः मैक्स हेल्थकेयर में दक्षिण अफ्रीका की कंपनी लाइफ हेल्थकेयर की 47.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में निजी इक्विटी फंड केकेआर सबसे आगे चल रहा है। इसकी वजह यह है कि अमेरिका के निजी इक्विटी फंड बेन केपिटल ने मर्चेंट बैंकरों के प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। साथ ही अनलजीत सिंह की होल्डिंग कंपनी और मैक्स हेल्थकेयर में बराबर की साझेदार मैक्स इंडिया ने भी लाइफ हेल्थकेयर की हिस्सेदारी खरीदने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
लाइफ हेल्थकेयर मांग रही मोटी रकम
जानकारों का कहना है कि इसकी वजह यह हो सकती है कि लाइफ हेल्थकेयर इस सौदे के लिए मोटी रकम मांग रही है। इससे पहले मैक्स समूह ने अपने विदेशी साझेदारों की हिस्सेदारी महंगी कीमत पर खरीदी है और फिर उसे दूसरी कंपनियों को बेचा है। लाइफ हेल्थकेयर दक्षिण अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा निजी अस्पताल समूह है। मैक्स हेल्थकेयर में लाइफ हेल्थकेयर और मैक्स इंडिया की बराबर हिस्सेदारी है जबकि समझौते के तहत प्रबंधन पर सिंह की कंपनी का नियंत्रण है। कंपनी की बाकी हिस्सेदारी वरिष्ठ अधिकारियों के पास है। सूत्रों का कहना है कि मैक्स हेल्थकेयर का मामला फोर्टिस की तरह नहीं है जहां नियंत्रित हिस्सेदारी खरीदने के लिए विभिन्न दावेदारों के बीच होड़ मची थी।
स्वास्थ्य क्षेत्र में कदम रखेगी KKR
केकेआर और उसकी साझेदार रेडिएंट लाइफकेयर स्वास्थ्य के क्षेत्र में उतरने की कोशिश कर रही हैं। रेडिएंट लाइफकेयर में केकेआर की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। उसने फोर्टिस हेल्थकेयर के लिए भी बोली लगाई थी लेकिन उसे मलेशिया की आईएचएच हेल्थकेयर के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। रेडिएंट के पास दिल्ली में 650 बिस्तर वाला बीएलके हॉस्पिटल और मुंबई में नानावटी हॉस्पिटल है। जानकारों का कहना है कि लाइफ हेल्थकेयर के सौदे में समय लग सकता है। मैक्स हेल्थकेयर उत्तर भारत में 14 अस्पताल चलाती है जिनमें कुल 25,00 बिस्तर हैं। कंपनी की अगले पांच-छह साल में अपनी क्षमता को दोगुना करने की योजना है।