Edited By ,Updated: 07 Nov, 2016 12:07 PM
भारत की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में रैकिंग सुधारने में एक और अड़चन सामने आई है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की परफॉर्मेंस रैंकिग में देश की 34 रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आर.ओ.सी.) को बैड कैटेगरी में रखा गया है।
नई दिल्लीः भारत की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में रैकिंग सुधारने में एक और अड़चन सामने आई है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की परफॉर्मेंस रैंकिग में देश की 34 रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आर.ओ.सी.) को बैड कैटेगरी में रखा गया है। ये कैटेगरी आरओसी को कंपनी गठन के लिए मिल रहे ई-फॉर्म और उसके क्लीयरेंस के आधार पर बनाई गई है।
हाल ही में ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग पर वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार इस साल भी भारत 130 वें नंबर पर है। पिछले साल वर्ल्ड बैंक की इस सूची में 189 देश थे तो इस बार यह सूची 190 देशों को शामिल कर बनाई गई है।
मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (एम.सी.ए.) से मिली जानकारी के अनुसार देश भर में मौजूदा आरओसी की परफॉर्मेंस रिव्यू करने के लिए एक इंडीकेटर बनाया गया है। जिसमें आरओसी में लंबित पड़े मामले और उसके क्लीयरेंस के आधार पर रैकिंग दी गई है। मिनिस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार कोई भी आरओसी बहुत अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही है। 40 से ज्यादा आरओसी में से 34 की परफॉर्मेंस बैड कैटेगरी में है।
मोदी सरकार कंपनी के गठन के प्रोसेस को घटाकर एक से दो दिन पर लाना चाहती है ताकि देश में बिजनेस करना आसान हो सके। अभी यह प्रोसेस 4-5 दिन में औसतन होता है। ई-फॉर्म के जरिए सरकार की कोशिश है कि कंपनी गठन का प्रोसेस टारगेट के आधार पर पूरा लिया जाए। सूत्रों के अनुसार नई परफॉर्मेंस रिपोर्ट बनाने की एक प्रमुख वजह यही है कि देश भर में मौजूद आरओसी अपने काम को सुधारे।