पत्नियों को छोड़ने वाले NRI पतियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 May, 2018 02:33 PM

measures proposed against nris who desert their wives untenable

प्रवासी भारतीयों (एन.आर.आई.) द्वारा अपनी पत्नियों को छोड़ देने से कई भारतीय परिवार चिंतित हैं। सरकार ने ऐसे एन.आर.आई. के खिलाफ कई कदम उठाए मगर उनका ठोस नतीजा नहीं निकला। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी

नई दिल्लीः प्रवासी भारतीयों (एन.आर.आई.) द्वारा अपनी पत्नियों को छोड़ देने से कई भारतीय परिवार चिंतित हैं। सरकार ने ऐसे एन.आर.आई. के खिलाफ कई कदम उठाए मगर उनका ठोस नतीजा नहीं निकला। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक पत्र लिखकर मांग की है कि पत्नियों को छोड़ने वाले एन.आर.आई. के खिलाफ कार्रवाई के प्रस्ताव को पटरी से उतारने वाले गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों मंत्रालयों की एक और बैठक बुलाई जाए। 

बनाए जाएं ऐसे कानून
विधि मंत्रालय ने कहा है कि पत्नियों को छोड़ने वाले एन.आर.आई. के खिलाफ प्रस्तावित कदम प्रभावी नहीं हैं। ऐसे एन.आर.आई. के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए जिसके तहत एन.आर.आई. के पासपोर्ट और सम्पत्ति को जब्त कर लिया जाए ताकि एन.आर.आई. अपनी पत्नियों को छोड़ न सकें। इस बात की जानकारी एक उच्च अधिकारी ने दी। 

समन जारी पर नहीं मिलता जवाब
मेनका गांधी ने पिछले सप्ताह अंतर मंत्रालय ग्रुप की प्रमुख सुषमा को पत्र लिखकर कहा कि पत्नियों को छोड़ने वाले एन.आर.आई. के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए नई नीति बनाई जाए। एन.आर.आई. के खिलाफ जब तक कड़े कदम नहीं उठाए जाएंगे तब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाएगा, क्योंकि बार-बार समन जारी करने पर उसका जवाब नहीं देते। 

2014 में मिली 346 शिकायतें
अधिक-से-अधिक भारतीय पढ़ाई और काम करने के लिए विदेश जा रहे हैं जिसके परिणामस्वरुप भारत में शादी करने के बाद अपनी पत्नियों को छोड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2014 में महिला राष्ट्र उद्योग (NCW) को ऐसी महिलाओं की 346 शिकायतें मिली। बताया जा रहा है कि एन.आर.आई. महिलाओं के पासपोर्ट ले लेते हैं ताकि वे यात्रा न कर सकें। शादी के बाद लापता हो जाते हैं और पत्नियों को विदेशों में बेसहारा छोड़ देते हैं।  

विदेश मंत्रालय को दिया यह सुझाव
अंतर मंत्रालय ग्रुप को 2017 में स्थापित किया था जिसका मकसद महिलाओं द्वारा कानूनी और नियामक चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है उसकी समीक्षा करना है। इस ग्रुप में नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद, मेनका गांधी, स्मृति ईरानी, नरेंद्र सिंह तोमर और वीके सिंह अन्य सदस्य हैं। इस ग्रुप ने सुझाव दिया था कि विदेश मंत्रालय को अपनी वैबसाइट पर उन एन.आर.आई. व्यक्तियों को समन जारी करने चाहिए जो एक के बाद एक समन का जवाब नहीं देते।

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