Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jan, 2019 09:41 AM
पंजाब नेशनल बैंक को करोड़ों का चूना लगाकर एंटीगुआ में बसने वाले मेहुल चोकसी को भारत लाना अब और मुश्किल हो जाएगा। देश के सबसे बड़े बैंक घोटालों में से एक के मुख्य आरोपी चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है।
नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक को करोड़ों का चूना लगाकर एंटीगुआ में बसने वाले मेहुल चोकसी को भारत लाना अब और मुश्किल हो जाएगा। देश के सबसे बड़े बैंक घोटालों में से एक के मुख्य आरोपी चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। एक रिपोर्ट के अनुसार उसने अपने भारतीय पासपोर्ट को एंटीगुआ उच्चायोग में जमा करवा दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि मेहुल को अब भारत लाना केंद्र सरकार के लिए मुश्किल हो गया है।
चोकसी ने अपने पासपोर्ट नंबर जेड 3396732 को कैंसिल्ड बुक्स के साथ जमा करा दिया है। नागरिकता छोड़ने के लिए चोकसी को 177 अमेरिकी डॉलर का ड्राफ्ट भी जमा करना पड़ा है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने गृह मंत्रालय को सूचना दे दी है। नागरिकता छोड़ने वाले फार्म में चोकसी ने अपना नया पता जौली हार्बर सेंट मार्कस एंटीगुआ बताया है।
चोकसी ने उच्चायोग से कहा है कि उसने आवश्यक नियमों के तहत एंटीगुआ की नागरिकता ली है और भारत की छोड़ दी है। दरअसल चोकसी के भारतीय नागरिकता छोड़ने के पीछे मकसद प्रत्यर्पण की कार्रवाई से बचना है। इस मामले में 22 फरवरी को सुनवाई होनी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने चोकसी के नागरिकता छोड़ने के मामले में विदेश मंत्रालय और जांच एजेंसियों से प्रगति रिपोर्ट मांगी है। साल 2017 में चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। उस समय भारत ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। मुंबई पुलिस की हरी झंडी के बाद उसे वहां की नागरिकता मिल गई थी।
पीएनबी घोटाले का खुलासा होने से पहले ही मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी देश छोड़कर भाग गए थे। इस घोटाले की जांट प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई कर रही है। अभी तक दोनों की चार हजार करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की जा चुकी है। दोनों के खिलाफ आर्थिक भगोड़ा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
इससे पहले चोकसी ने ईडी की याचिका को खारिज करने के लिए 34 पन्नों का जवाब भेजा था। जिसमें उसने अपनी बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं का भी हवाला दिया देते हुए कहा था कि उसके लिए भारत आने के लिए 41 घंटे लंबी यात्रा करना संभव नहीं है। याचिका में उसने मामले की जांच कछुए की चाल जैसी होने की बात कही थी। इसके अलावा उसने कहा था कि ट्रायल को शुरू होने में सालों का समय लग जाएगा।