बैंक कर्मचारी संघ आज मनाएगा काला दिवस, कहा- विलय से नहीं होगा कोई सुधार

Edited By Supreet Kaur,Updated: 31 Aug, 2019 10:03 AM

merger of banks beyond comprehension economy will be unstable

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने के फैसले के बाद इसका विरोध शुरू हो गया है। बैंक कर्मचारी संघों ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह फैसला उनकी समझ से परे हैं और इसके पीछे कोई तर्क नहीं दिखाई देता...

मुंबईः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने के फैसले के बाद इसका विरोध शुरू हो गया है। बैंक कर्मचारी संघों ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह फैसला उनकी समझ से परे हैं और इसके पीछे कोई तर्क नहीं दिखाई देता है। कर्मचारी संघों ने शनिवार को इसके विरोध में काला दिवस मनाने की घोषणा की है। बता दें कि विलय की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के मजबूत बैंकों का निर्माण करना है, ताकि देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके।
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PNB बनेगा दूसरा सबसे बड़ा बैंक
सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में अन्य बैंकों का विलय करते हुए चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है। इसमें पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का एवं इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा। पीएनबी विलय के बाद देश का दूसरा और केनरा बैंक चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। विलय के बाद कुल सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी। पीएनबी के बाद बैंक आफ बड़ौदा तीसरा बड़ा बैंक होगा। इससे पहले सरकार भारतीय स्टेट बैंक में उसके सहयोगी और भारतीय महिला बैंक का एवं बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक का विलय कर चुकी है।
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बुरे दौर में देश के आर्थिक हालात
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने कहा, ‘‘सरकार के प्रस्ताव (विलय के) बिना सोच-विचार कर लाए गए हैं। इनका कोई तार्किक आधार नहीं है। इसमें ना तो कमजोर बैंक का विलय मजबूत के साथ किया जा रहा है ना ही यह भौतिक तौर पर समन्वय में आसान बैंकों का विलय किया जा रहा है।'' बयान में कहा गया है कि कोलकाता मुख्यालय वाले युनाइटेड बैंक का विलय दिल्ली मुख्यालय वाले पंजाब नेशनल बैंक के साथ किया जा रहा है। वहीं सिंडिकेट बैंक और केनरा बैंक जैसे एक ही क्षेत्र (दक्षिण भारत) में काम करने वाले बैंकों का विलय किया जा रहा है। संघों ने कहा कि सरकार की ओर से विलय की घोषणा ऐसे समय की गई है जब देश के आर्थिक हालात बुरे दौर से गुजर रहे हैं। संघ ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक का विलय करने के बाद 1,000 और बैंक ऑफ बड़ौदा का विलय करने के बाद 500 से अधिक शाखाएं बंद हुईं। बयान में कहा गया है कि एक तरफ सरकार जनधन को लागू करना चाहती है, लेकिन शाखाओं को बंद करने के साथ यह कैसे मुमकिन है।
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