मध्यम वर्ग आयकर का सही विकल्प चुनने में सक्षम: राजीव कुमार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Feb, 2020 06:29 PM

middle class able to choose the right income tax option rajiv kumar

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि मध्यम वर्ग अपने लिए बेहतर आयकर ढांचे का विकल्प चुनने को लेकर पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने भरोसा जताया कि नई व्यवस्था से बचत की प्रवृत्ति कमजोर नहीं होगी। राजीव कुमार ने उन्होंने निर्मला सीतारमण के

नई दिल्लीः नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि मध्यम वर्ग अपने लिए बेहतर आयकर ढांचे का विकल्प चुनने को लेकर पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने भरोसा जताया कि नई व्यवस्था से बचत की प्रवृत्ति कमजोर नहीं होगी। राजीव कुमार ने उन्होंने निर्मला सीतारमण के बजट में आयकर को लेकर किए गए प्रस्ताव पर अपनी टिप्पणी में यह बात कही। बजट में व्यक्तिगत आयकर दाताओं को छूट और कटौती के साथ मौजूदा कर योजना में बने रहने या फिर नई सरलीकृल कर व्यवस्था का विकल्प दिया गया है। इस नई व्यवस्था में कर की दर कम है लेकिन इसमें कोई छूट या कटौती नहीं मिलेगी। 

कुमार ने कहा, ‘‘यह बताता है कि मध्यम वर्ग खासकर करदाता अनुभवी हैं और उन्हें पता है कि उनके लिए क्या अच्छा है आपने उनके पॉकेट में अतिरिक्त पैसा डाला है। अनिवार्य रूप से बचत के बजाए उन्हें निर्णय करने दीजिए कि वे कितना बचाना चाहते हैं।'' हालांकि, उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनी कर की तरह व्यक्तिगत कर में विकल्प के साथ दो व्यवस्था से चीजें और जटिल हुई हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘उन्हें स्थिति के अनुसार फैसला करने दीजिए मेरा विचार है कि बचत की प्रवृत्ति में कमी नहीं आएगी।'' उन्होंने कहा कि एक अर्थशास्त्री के रूप में प्रक्रिया को सरल बनाए जाने से वह प्रोत्साहित हैं। 

हालांकि, अर्थशास्त्री और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) की प्रोफेसर इला पटनायक का मानना है कि आम तौर पर बचत को लेकर लोग दूरदर्शी नहीं होते और वृद्धावस्था के लिए पर्याप्त बचत नहीं कर पाते। उनका कहना है, ‘‘इसीलिए सरकारों को लोगों को वृद्धावस्था और पेंशन के लिए बचत के लिए प्रेरित करना चाहिए। आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कर छूट के पीछे यही सोच है। नई प्रणाली इन प्रोत्साहनों को कम करती है।'' 

‘विवाद से विश्वास योजना' के बारे में कुमार ने कहा कि इस पहल का मकसद कानूनी मामलों में कमी लाना है। प्रत्यक्ष कर श्रेणी में अपीलीय मंचों पर 4.83 लाख मामले अटके पड़े है। इस योजना के तहत करदाता को केवल विवादित राशि भुगतान करने की जरूरत होगी और उसे ब्याज एवं जुर्माने से पूरी छूट मिलेगी लेकिन इसके लिए शर्त है कि वे 31 मार्च 2020 तक भुगतान करे। 

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले बजट में अटके कानूनी मुकदमों में कमी लाने को लेकर इसी प्रकार की योजना ‘सबका विश्वास' लाई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 2.10 लाख करोड़ रुपए के विनिवेश लक्ष्य हासिल कर लेगी, कुमार ने कहा कि 2020-21 का लक्ष्य प्राप्त करने लायक है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘लेकिन यह महत्वकांक्षी लक्ष्य प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है कि हम निजी क्षेत्र के लिए विभिन्न क्षेत्रों में गुंजाइश बढ़ाने जा रहे हैं।''

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!