Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2019 11:25 AM
पीरामल समूह के प्रमुख और जाने-माने अजय पीरामल ने कारोबारियों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों की ओर से छापेमारी और लुकआउट नोटिस जारी किए जाने के मामलों की रफ्तार बढ़ने की शुक्रवार को आलोचना की और कहा कि इससे कारोबारी समुदाय के मन में अविश्वास बढ़ रहा है।
मुंबईः पीरामल समूह के प्रमुख और जाने-माने अजय पीरामल ने कारोबारियों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों की ओर से छापेमारी और लुकआउट नोटिस जारी किए जाने के मामलों की रफ्तार बढ़ने की शुक्रवार को आलोचना की और कहा कि इससे कारोबारी समुदाय के मन में अविश्वास बढ़ रहा है। पीरामल ने जापानी निवेशक सॉफ्टबैंक के उनकी एनबीएफसी कंपनी के साथ प्रस्तावित सौदे से पीछे हटने की खबरों पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया।
कारोबारी मौहाल पर पीरामल ने यह बात ऐसे समय कही है जब एलऐंडटी के ए.एम. नाइक समेत अन्य कारोबारी भी चिंता जता चुके हैं। हालांकि, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से कारोबारी को लेकर आशा बढ़ी है। पीरामल ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब नियामक और जांच एजेंसियों ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को विदेश जाने से रोका और वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तकों पर छापे इत्यादि की कार्रवाई की।
अजय पीरामल ने वर्ल्ड हिंदू इकॉनमिक फोरम में कहा, 'आज मैं देख रहा हूं कि सत्ता में बैठे लोग और पूंजी सृजनकर्ताओं (कारोबारी और निवेशकों) के बीच अविश्वास बढ़ रहा है, दूरियां आ रही हैं।' उन्होंने जोर देकर कहा, 'यदि आप पर कोई अपराध करने का आरोप है तो क्या जरूरत है कि उसे अपराधी ठहराया जाए या अपराधीकरण किया जाए? जब पहले से ही काफी सूचनाएं उपलब्ध हैं, आंकड़े उपलब्ध हैं, तो क्या छापेमारी की जरूरत है? लुकआउट नोटिस जारी करने की जरूरत है? यह किसी भी कारोबारी के लिए सकारात्मक संकेत नहीं है।'
उन्होंने कहा कि 'जो महत्वपूर्ण है वह यह है कि धन-सृजन करने वालों को वह सम्मान मिले, जिसके वे हकदार हैं।' नकदी संकट को लेकर पीरामल ने कहा कि मौजूदा समय में पूंजी की उपलब्धता भी देश के लिए एक चुनौती है।