मोबाइल हुआ क्षतिग्रस्त, अब विक्रेता तथा इंश्योरैंस कम्पनी देगी हर्जाना

Edited By Pardeep,Updated: 19 Apr, 2018 04:48 AM

mobile hua damaged now seller and insurance company will pay damages

जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने एक याचिकाकत्र्ता की शिकायत पर उसे राहत देते हुए मोबाइल विक्रेता तथा मोबाइल का इंश्योरैंस करने वाली कम्पनी को आदेश दिया है कि याचिकाकत्र्ता को उसे क्षतिग्रस्त मोबाइल के बदले में नया मोबाइल दिया जाए तथा 5000 रुपए हर्जाना...

गुरदासपुर: जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने एक याचिकाकत्र्ता की शिकायत पर उसे राहत देते हुए मोबाइल विक्रेता तथा मोबाइल का इंश्योरैंस करने वाली कम्पनी को आदेश दिया है कि याचिकाकत्र्ता को उसे क्षतिग्रस्त मोबाइल के बदले में नया मोबाइल दिया जाए तथा 5000 रुपए हर्जाना व अदालत खर्च 30 दिन में अदा किया जाए। 

क्या है मामला
याचिकाकत्र्ता अमित कुमार पुत्र राम लाल निवासी गांव बाबोवाल (गुरदासपुर) ने बताया कि उसने अरोड़ा मोबाइल कलैक्शन सदर बाजार गुरदासपुर से मोबाइल आई फोन 6-एस 2 फरवरी, 2016 को खरीदा था। 

इस संबंधी उसने 75,000 रुपए अदा कर मोबाइल का बिल भी लिया था। तब उसके मोबाइल की लीचन रिटेयलस प्राइवेट लि. ने इंश्योरैंस भी की थी जिसके बदले में अलग से उसने 2399 रुपए दिए थे। इस अधीन पालिसी भी जारी की गई जो 2 फरवरी 2016 से 1 फरवरी 2017 तक मान्य थी परंतु 12 जनवरी 2017 को जब वह अपने घर जाते समय मोबाइल पर बात कर रहा था तो जेल रोड पर पीछे से आ रहे एक मोटरसाइकिल ने उसे टक्कर मार दी जिससे उसका मोबाइल नीचे गिर गया तथा टूट गया। इस संबंधी जब अरोड़ा मोबाइल कलैक्शन से बात की तो उन्होंने कहा कि लीचन रिटेयलस से सम्पर्क किया जाए। उसके द्वारा कई बार सम्पर्क करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला तथा 5 मई 2017 को जब उसने अपनी शिकायत का स्टेटस वैबसाइट पर चैक किया तो पाया कि लिखा था कि आपका जॉब कार्ड बंद कर दिया गया है जिस पर उसे फोरम का दरवाजा खटखटाना पड़ा। 

यह कहा फोरम ने
दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फोरम ने पाया कि मोबाइल विक्र्रेता स्वीकार करता है कि उसने मोबाइल बेचा था तथा इंश्योरैंस भी हुई थी परंतु लीचन रिटेयलस पुणे का जवाब था कि उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली जबकि याचिकाकत्र्ता प्रमाणित कर रहा कि उसने शिकायतें दर्ज करवाई हैं। जिस पर फोरम के प्रधान नवीन पुरी ने आदेश सुनाया कि चाहे अकेले-अकेले या संयुक्त रूप में मोबाइल विक्रेता तथा इंश्योरैंस कम्पनी याचिकाकत्र्ता को सेम क्वालिटी का मोबाइल फ्री दे तथा साथ में 5 हजार रुपए हर्जाना व अदालत खर्च राशि 30 दिन में अदा करें। यदि आदेश का निर्धारित समय पर पालन नहीं होता तो आदेश की तिथि से 9 प्रतिशत ब्याज सहित सारी राशि याचिकाकत्र्ता को अदा करनी होगी।

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