मोेदी की किस्मत ने छोड़ा साथ, क्रूड 75 डॉलर के पार!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Apr, 2018 12:15 PM

modi fortune left crude oil crosses 75

पैट्रोल और डीजल की कीमतों पर अपने आप को लकी बताने वाले नरेंद्र मोदी का लक शायद उनका साथ छोड़ता हुआ नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी के सत्ता में आने के बाद कच्चे तेल में शुरू हुई गिरावट का सिलसिला अब खत्म हो गया है।

जालंधरः पैट्रोल और डीजल की कीमतों पर अपने आप को लकी बताने वाले नरेंद्र मोदी का लक शायद उनका साथ छोड़ता हुआ नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी के सत्ता में आने के बाद कच्चे तेल में शुरू हुई गिरावट का सिलसिला अब खत्म हो गया है। दिसंबर 2015 में 33 डॉलर पर बिकने वाला कच्चा तेल 2018 में 75 डॉलर प्रति बैरल के भी पार हो गया है। 

कच्चा तेल महंगा होने से पैट्रोल-डीजल के रेट भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं पर सरकार आम जनता को राहत देने का नाम नहीं ले रही। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने सरकार की चिंता इतनी बढ़ा दी है कि अगर वह एक्साइज ड्यूटी में कटौती करती है तो कई विकास प्रॉजैक्टों का काम धीमा हो जाएगा। राजग सरकार जब सत्ता में नई-नई आई तो कच्चा तेल मोदी सरकार के लिए वरदान साबित हो रहा था परन्तु अब कच्चा तेल सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है। कच्चा तेल महंगा होने का मतलब है कि पैट्रोल-डीजल की कीमतों में भी बढ़ौतरी जारी है। पैट्रोल-डीजल महंगा होगा तो महंगाई बढ़ेगी, जिस का असर आम जनता और सरकार दोनों पर पड़ेगा।

PunjabKesari

मई 2014 में मोदी सरकार सत्ता में थी, जिसके ठीक बाद सितंबर से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई। यह गिरावट लगातार जारी रही और दिसंबर 2015 के आते-आते कच्चा तेल 33 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जिससे पैट्रोल-डीजल पर राहत रही। दिलचस्प बात यह है कि कच्चे तेल में गिरावट जारी थी, तो सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में बढ़ौतरी की पर अब कीमतों में तेजी है तो कोई राहत नहीं दी गई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को कारोबार के दौरान कच्चे तेल की कीमत 75.27 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। पैट्रोलियम उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और रूस की ओर से सप्लाई में कटौती और ईरान व अमेरिका की तरफ से पाबंदी लगाए जाने के डर से कच्चा तेल और महंगा होने का डर है। 

9 बार बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी
2014-2016 के बीच वित्त मंत्री द्वार पूरे 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जा चुकी है, वहीं टैक्स में कटौती सिर्फ एक बार अक्टूबर में की गई थी और वह भी सिर्फ दो रुपये की। बता दें कि साउथ एशियन देशों में भारत में पैट्रोल-डीजल का रीटेल प्राइस सबसे ज्यादा है। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!